Home Politics Naresh Tikait क्यों कर रहे आत्महत्या की बात, CM योगी ने गन्ने का दाम बढ़ाया लेकिन क्या है किसानों के बकाए का सच?

Naresh Tikait क्यों कर रहे आत्महत्या की बात, CM योगी ने गन्ने का दाम बढ़ाया लेकिन क्या है किसानों के बकाए का सच?

0
Naresh Tikait क्यों कर रहे आत्महत्या की बात, CM योगी ने गन्ने का दाम बढ़ाया लेकिन क्या है किसानों के बकाए का सच?

[ad_1]

लखनऊ: गन्ने के उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश का स्थान देश में सबसे ऊपर है। नेपाल से सटे तराई बेल्ट के साथ ही पश्चिमी यूपी को शुगर फैक्ट्री के तौर पर जाना जाता है। भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में प्रदर्शन के दौरान कहा कि अगर किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेंगे। टिकैत ने आत्महत्या की बात क्यों कही? योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने गन्ने के दाम को 325 से बढ़ाकर 350 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। लेकिन इस बीच किसानों के बकाए का सच क्या है? आइए इन सवालों के जवाब तलाशने का प्रयास करते हैं।

गन्ने की पैदावार वाले किसानों के लिए यह समय काफी अहम चल रहा है। गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां खेतों से निकलकर शुगर मिलों की तरफ दौड़ लगा रही हैं। इस बीच कई जगहों पर असंतोष की लहर है। मुजफ्फरनगर के बजाज शुगर मिल पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। यह प्रदर्शन पीलीभीत के बरखेड़ा और पूरनपुर के साथ ही लखीमपुर खीरी के पलियां कलां में भी चल रहा है। इसके साथ ही संभल और सहारनपुर में भी कुछ जगहों पर विरोध दर्ज कराया गया है।
10 फरवरी को मैं कर लूंगा आत्महत्या… किसान नेता Naresh Tikait का बड़ा ऐलान, भरी सभा में ऐसा क्या हो गया?
भुगतान से कितना संतुष्ट हैं किसान?
प्राइवेट मिलों में गन्ना फसलों का भुगतान मिल्स पर ज्यादा डिपेंड करता है। सरकार मिलों पर दबाव डाल सकती है, ऐसी उम्मीद किसान उनसे करते हैं। सरकार से किसानों की मांग सिर्फ गन्ने के भुगतान की व्यवस्था ठीक करवाने की है। बागपत की बात करें तो यहां के सचिन त्यागी ने बताया कि सहकारी चीनी मिल पर भुगतान तो समय से हो जाता है। मलकपुर और रमाला की निजी मिल की तरफ से भुगतान में थोड़ी देर होती है। बाकी राजनीति से प्रेरित होकर कई बार विरोध किया जाता है। सचिन कहते हैं कि गाजियाबाद के मोदीनगर में किसी तरह का प्रदर्शन नहीं होता है।

पिछले सत्र का भुगतान पूरा, अभी हो रहा प्रदर्शन
सहारनपुर जिला गन्ना विभाग के अनुसार बजाज के स्वामित्व वाली गंगौली चीनी मिल की तरफ से पूरी तरह भुगतान नहीं हो पाया। लेकिन देवबंद, शेरमऊ, गंगलहेड़ी और ननौटा और सरसावां की सरकारी मिलों में सत्र 2021-22 का पूरा भुगतान कर दिया गया है। मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में बजाज शुगर मिल के गेट पर भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में धरना दे रहे किसानों का कहना है कि मिल पर किसानों का 300 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान बकाया है। कई बार मामला उठने के बाद भी मिल ने उनका भुगतान नहीं किया है। पैसों का संकट खड़ा हो गया है। इसके बाद भी मिल की तरफ से भुगतान नहीं किया जा रहा है।

हरदोई के मंसूरनगर के काश्तकार भी यहां की हरियावां चीनी मिल की तरफ से भुगतान किए जाने पर संतुष्टि जाहिर करते हैं। कुछ ऐसी ही बात बलरामपुर जिले के सोनपुर गांव निवासी किसान अजय सिंह भी बताते हैं। उनका कहना है कि बलरामपुर की चीनी मिलों की तरफ से गन्ने के भुगतान में कोई समस्या नहीं है। बीसीएम चीनी मिल के अंतर्गत लखीमपुर के साथ ही अयोध्या जिले की रौजागांव मिल भी आती है। अजय के अनुसार इन सभी जगहों पर भुगतान और पेराई की कोई दिक्कत नहीं आती है।
UP News: कोई सवाल हो तो 1800-121-3203 पर कॉल करें गन्‍ना किसान, शुरू हुआ टोल फ्री कंट्रोल रूम
क्या 14 दिनों में हो जा रहा है गन्ने का भुगतान?
हालांकि कुशीनगर और महाराजगंज में गन्ना किसानों की स्थिति के बारे में किसान आनंद राय बताते हैं कि भुगतान समय से नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 14 दिनों के अंदर भुगतान की बात कही थी लेकिन कम से कम 22 से 25 दिनों में पैसा आ रहा है। शुगर कंट्रोल ऐक्ट 1966 भी गन्ने के भुगतान पर यही बात रखता है। इसके साथ ही इस बार पेराई सीजन शुरू होने से पहले मूल्य भी नहीं बढ़ाया गया। वह कहते हैं कि कुशीनगर की कप्तानगंज और महाराजगंज की गड़ौरा मिल बंद हो चुकी है। खड्डा मिल की तरफ से भी जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, वह अच्छे नहीं हैं।

योगी सरकार ने जारी किया था निर्देश
फिलहाल उत्तर प्रदेश में 158 चीनी मिलों में पेराई सत्र चल रहा है। इनमें से निजी सेक्टर में 104 चीनी मिलें हैं। 28 मिल यूपी सहकारी चीनी मिल संघ, यूपी राज्य चीनी निगम और केंद्र सरकार चलाती हैं। उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट ने नई शीरा नीति 2022-23 जारी की थी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने नई शीरा नीति को सभी चीनों मिलों को गंभीरता से पालन करने का निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि शराब और शीरे का यदि दुरुपयोग होता मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई तय है।

सरकार ने बनाई 3 मंत्रियों की समिति
उधर, देरी से गन्ना मूल्य भुगतान पर ब्याज की दर के लिए यूपी सरकार ने 3 मंत्रियों की समिति बनाई है। इनमें सुरेश खन्ना, लक्ष्मी नारायण चौधरी, योगेंद्र उपाध्याय शामिल हैं। गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी की तरफ से हाई कोर्ट में दाखिल शपथ पत्र में इस बात की जानकारी दी गई। हालांकि इससे पहले भी प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की तरफ से समिति बनाई गई थी। हालांकि विलंब गन्ना मूल्य पर कोई फैसला नहीं हो सका है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here