Loksabha Election: 2024 को ‘अपना’ बनाने को ‘परायों’ को जोड़ेगी BJP, प्रभावशाली चेहरों पर पार्टी ने गड़ाई नजर

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लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में नेताओं- पदाधिकारियों को अगले 400 दिनों का एजेंडा सौंपा है। इसमें उन्होंने संवेदनशीलता के साथ ‘समाज के सभी अंगों’ को जोड़ने को कहा है। यूपी में भाजपा जोड़ने के इस अजेंडे का विस्तार उन ‘परायों’ तक भी कर रही है, जो इस समय विपक्ष में खड़े है, लेकिन अपने-अपने क्षेत्र में समीकरणों को ‘पक्ष’ में करने में सक्षम है। इसके लिए बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक ‘संभावित’ चेहरों के नाम-काम पर मंथन चल रहा है। भाजपा गठबंधन ने 2019 में 64 लोकसभा सीट जीती थीं। पिछले साल जून में हुए लोकसभा उप चुनाव में पार्टी ने आजमगढ़ और रामपुर सीट भी अपने खाते में डाल ली थी। रामपुर में आजम का गढ़ भेदने वाले घनश्याम लोधी महज छह महीने पहले ही भाजपा में आए थे। हाल में ही मैनपुरी में हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने जिन रघुराज सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया था, वह भी सपा से आए थे। हालांकि जीत नहीं मिली।

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संपर्क और साथ पर जोर

जिन 14 सीटों को भाजपा 2019 में नहीं जीत पाई, वहां विधानसभा चुनाव के बाद ही जमीन दुरुस्त करने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पार्टी इन सीटों के हर बूथ के प्रभावी चेहरों को साधने और साथ लाने में लगी हुई है। इनमें वे चेहरे भी हैं जो भाजपा के साथ नहीं हैं। उनकी अपेक्षाओं को समझने की कोशिश हो रही है। जिन जिलों में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव में भी प्रदर्शन ठीक नहीं था, वहां मशक्कत जोरों पर है। वेस्ट यूपी से लेकर पूर्वांचल तक यहां विपक्ष के असरदार चेहरों पर पार्टी काम कर रही है।

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इसमें जातीय व स्थानीय समीकरणों, दोनों को प्राथमिकता दी जा रही है। अगले कुछ महीनों में नए चेहरों की जॉइनिंग का सिलसिला भी शुरू होगा, जिसे पार्टी जमीन के साथ ही माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल करेगी। इससे पहले भी लोकसभा व विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने विपक्ष में तगड़ी सेंधमारी की थी।

आस्था, संवाद व ‘राष्ट्रवाद’ से नड्डा करेंगे आगाज

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हारी लोकसभा सीटों पर जीत की रणनीति के साथ शुक्रवार से पार्टी के 2024 के चुनावी अभियान की शुरूआत करेंगे। नड्डा गुरुवार शाम बनारस पहुंच जाएंगे। शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद वह गाजीपुर में आस्था, संवाद व राष्ट्रवाद की भाजपा की चुनावी रणनीति को आगे बढ़ाएंगे। भाजपा 2019 में गाजीपुर लोकसभा हार गई थी। वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का जिले में खाता तक नहीं खुला था।

गाजीपुर में नड्डा पवहारी बाबा के आश्रम में दर्शन करने के बाद संगठन की सबसे निचली इकाई बूथ समिति के साथ चाय पर चर्चा करेंगे। उनका पूर्व सैनिकों से भी संवाद होगा। गाजीपुर के बहुत से परिवारों के लोग सेना में हैं। परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का यह जिला है। इसलिए, नड्डा गौरव और राष्ट्रवाद की इस रवायत से भी नाता जोड़ेंगे, जिसमें योगी सरकार में वहां के बाहुबली चेहरों के खिलाफ हुई कार्रवाई से बदलती पहचान का भी जिक्र होगा।

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जनसभा के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकसभा संचालन समिति और जिला पदाधिकारियों के साथ भी अपेक्षाओं का आदान-प्रदान करेंगे। नड्डा के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी मौजूद रहेंगे।

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