Home Politics Karpuri Thakur: अपने बच्चों के लिए भी कुछ नहीं किया… जब कर्पूरी ठाकुर का घर देखकर रोने लगे थे यूपी के पूर्व CM

Karpuri Thakur: अपने बच्चों के लिए भी कुछ नहीं किया… जब कर्पूरी ठाकुर का घर देखकर रोने लगे थे यूपी के पूर्व CM

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Karpuri Thakur: अपने बच्चों के लिए भी कुछ नहीं किया… जब कर्पूरी ठाकुर का घर देखकर रोने लगे थे यूपी के पूर्व CM

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लखनऊ: बिहार के दो बार मुख्यमंत्री और दूसरे उप मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की सादगी की खूब चर्चा होती है। उनकी सादगी के चर्चे पूरे देश में मशहूर थे। आजादी के बाद एक बार भी विधायक, विधान पार्षद बनकर लोग करोड़ों के मालिक हो जाते हैं। शहरों में उनके आवास बन जाते हैं। लेकिन, कर्पूरी ठाकुर उन तमाम लोगों से अलग थे। उन्होंने समाजवाद को अपने जीवन में उतारा। जीवन पर्यंत राजनीति के उच्च मापदंड को बनाकर रखा। जिसमें, ईमानदारी और जनता के प्रति जवाबदेही को स्वीकार किया। उनकी सादगी ऐसी थी कि अपने गांव के घर को उन्होंने कभी भी नहीं बनवाया। 17 फरवरी 1988 को कर्पूरी का निधन हुआ तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा उनके गांव पहुंचे। समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में जब हेमवती नंदन बहुगुणा पहुंचे तो उन्होंने घर की स्थिति देखी। उनकी आंखों से आंसू फूट पड़े। उन्होंने कहा कि दो बार का सीएम भी अपने बच्चों के लिए घर नहीं बनवाया। ऐसे नेता बिरले ही होते हैं।

यूपी के पूर्व सीएम जब पितौझिया गांव पहुंचे, तो उन्हें कर्पूरी ठाकुर का घर ले जाया गया। वहां बिहार के पूर्व सीएम का पुश्तैनी फूस का मकान देखा। इसे देखते ही उनकी आंखें नम हो गई। वे रोने लगे। हेमवती नंदन बहुगुणा ने अपने संस्मरण में लिखा है कि कर्पूरी ठाकुर की आर्थिक तंगी को देखते हुए चौधरी देवीलाल ने पटना में अपने एक हरियाणवी मित्र से कहा था कि कर्पूरीजी कभी आपसे पांच-दस हजार रुपये मांगें तो आप उन्हें दे देना। यह पैसे मेरे ऊपर आपका कर्ज रहेगा। देवीलाल बाद में अपने मित्र से कई बार पूछा था कि कर्पूरी जी ने कुछ मांगा। हर बार मित्र का जवाब होता, नहीं, वे तो कुछ मांगते ही नहीं हैं। ऐसा था कर्पूरी ठाकुर का व्यक्तित्व।

कर्पूरी ठाकुर ने पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण देकर एक बड़ी लकीर खींच दी। ओबीसी पॉलिटिक्स को उन्होंने धार दी थी। 24 जनवरी 1924 को जन्में कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। सीएम के रूप में वे दो बार कार्यभार ग्रहण किया। कुल ढाई साल बिहार का शासन उनके हाथ रहा था। वर्ष 1952 में पहली बार विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद वे कभी भी हारे नहीं। बिहार में जननायक कहे वाले कर्पूरी ठाकुर के राजनीतिक गुरु लोकनायक जय प्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया रहे।

सीएम योगी समेत यूपी ने किया याद

बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को उत्तर प्रदेश में याद किया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि व्यक्त की। यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, उप मुख्‍यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्‍यमंत्री योगी ने कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए ट्वीट किया कि महान स्वाधीनता सेनानी, सामाजिक न्याय के पुरोधा, शोषितों एवं वंचितों के मुखर स्वर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ‘जननायक’ कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर का सामाजिक समरसता के लिए समर्पित जीवन सभी के लिए प्रेरणास्पद है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि आजीवन शोषितों, पीड़ितों एवं वंचितों के हक के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती पर शत-शत नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ट्वीट किया कि गरीबों एवं वंचितों की सशक्त आवाज, सामाजिक समरसता के प्रतीक एवं कुशल राजनीतिज्ञ, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जन नायक कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन। ब्रजेश पाठक ने भी ट्वीट कर कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी समेत कई नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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