Home Politics Akhilesh Shivpal: क्या चुनाव को लेकर शिवपाल के करीब जा रहे अखिलेश यादव? मैनपुरी रिजल्ट के बाद मुलाकात पर चर्चा

Akhilesh Shivpal: क्या चुनाव को लेकर शिवपाल के करीब जा रहे अखिलेश यादव? मैनपुरी रिजल्ट के बाद मुलाकात पर चर्चा

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Akhilesh Shivpal: क्या चुनाव को लेकर शिवपाल के करीब जा रहे अखिलेश यादव? मैनपुरी रिजल्ट के बाद मुलाकात पर चर्चा

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अभी अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की मुलाकात का मसला खूब गरमाया हुआ है। मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव परिणाम के बाद पार्टी का झंडा देकर पांच साल बाद सपा में वापसी कराने वाले अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी। इस पर सवाल खड़े होने लगे थे। लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के पाले में नजर आ रहे थे। लेकिन, उसके बाद से दोनों की राह अलग दिखी। शिवपाल समर्थकों ने एक बार फिर अखिलेश यादव की मंशा पर सवाल उठाना शुरू कर दिया था कहा जा रहा था। सवाल यह उठ रहा है कि क्या अखिलेश यादव यूपी चुनाव 2022 की तरह ही शिवपाल यादव को किनारे कर देंगे? इन तमाम विवादों के बीच शिवपाल यादव की ओर से समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर कोई टिप्पणी नहीं की।

शिवपाल यादव ने पिछले दिनों कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी को बधाई दी। इसे यूपी की राजनीति में एक अलग मोड़ के रूप में देखा गया। शिवपाल यादव का बयान आने के बाद अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे। सोमवार को दोनों नेताओं की 50 मिनट तक मुलाकात हुई। इन मुलाकातों ने यूपी की राजनीति को गरमा दिया है। साथ ही, यह भी कहा जाने लगा है कि क्या यूपी विधान परिषद चुनाव और आगामी यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर इन दोनों नेताओं की मुलाकात हो रही है। पार्टी में शिवपाल की वापसी के बाद से अब तक कोई ठोस बात नहीं हो सकी है।

पार्टी में नहीं मिल पाया है कोई पद

शिवपाल यादव को पार्टी में अब तक कोई पद नहीं मिल पाया है। अखिलेश और शिवपाल की मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि दोनों नेताओं के बीच कोई सहमति बन गई है। ऐसे में शिवपाल को अहम पद मिलने का भी मामला खूब गरमा रहा है। पिछले दिनों शिवपाल यादव ने पूर्वांचल में अपनी दखल बढ़ाई। लेकिन, पार्टी का विधायक भर होने और हाल के दिनों तक प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते सपा नेता उनके करीब नहीं पहुंच रहे। प्रसपा से जुड़े कार्यकर्ताओं तक ही वे पहुंच पा रहे हैं। पार्टी में कोई पद मिलने के बाद सपा में उनका कद बढ़ेगा। इसके बाद वे पार्टी की रणनीति को तेज करने में जुटेंगे।

मैनपुरी रिजल्ट ने बदली स्थिति

मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव का परिणाम समाजवादी पार्टी के पक्ष में आया था। चुनाव में अखिलेश यादव ने हर गांव मोहल्ले में घूम कर पार्टी के पक्ष में प्रचार किया। उम्मीदवार डिंपल यादव के लिए वोट मांगे। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उपजी सहानुभूति की लहर के वोटों को काटने में सफलता अर्जित की। हालांकि, इसमें शिवपाल यादव का भी योगदान भी अहम रहा। शिवपाल यादव जसवंतनगर विधानसभा सीट के साथ-साथ मैनपुरी के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी घूमे। समाजवादी पार्टी के वोट बैंक को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई। चुनाव परिणाम के बाद अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी में शामिल तो करा लिया। लेकिन, अब तक उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिल पाई है। इस को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष थे शिवपाल यादव

वर्ष 2017 से पहले शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। मुलायम सिंह यादव के दाहिना हाथ माने जाने वाले शिवपाल को पार्टी में अहम जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन अखिलेश यादव के पार्टी में भूमिका बढ़ने के बाद उनकी घटती गई। शिवपाल यादव के पक्ष में माहौल खराब हुआ तो वे पार्टी से बाहर हो गए। उनकी जगह पर अखिलेश यादव ने अपने पसंदीदा नरेश उत्तम पटेल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। अभी भी वे ही प्रदेश अध्यक्ष बने हुए हैं। ऐसे में शिवपाल यादव की पार्टी में एंट्री के बाद से उनके लिए स्थान तय किया जा रहा है। सपा में शिवपाल यादव और प्रो. रामगोपाल यादव के बीच की तकरार आम रही है। मुलायम ने इसी कारण रामगोपाल को केंद्र और शिवपाल को प्रदेश की राजनीति में रखा।

अखिलेश यादव पार्टी में शिवपाल की भूमिका नहीं तय कर पा रहे हैं। लेकिन, उन्हें शिवपाल के संगठन सूत्र पर भरोसा बढ़ता दिख रहा है। यही वजह है कि यूपी में निकाय चुनाव और एमएलसी इलेक्शन से पहले अखिलेश और शिवपाल की मुलाकात हुई है। शिवपाल के जरिए अखिलेश की रणनीति सपा के उन नाराज कार्यकर्ताओं को भी साधने की है जो नजरअंदाज किए जाने को लेकर उदासीन बैठे हैं। ऐसे में अखिलेश की अगली रणनीति का इंतजार हर किसी को होगा।

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