[ad_1]
मंदिर प्रशासन की ओर से कहा गया है कि जिस व्यक्ति को धर्म में विश्वास न हो उसका धार्मिक स्थान पर प्रवेश वर्जित है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को रामचरित मानस पर आस्था को बकवास बताते हुए इसे दलित-पिछड़ा विरोधी बताया था। उन्होंने सरकार से मानस को बैन करने की मांग की थी। स्वामी की इस टिप्पणी के विरोध में सपा के ही कई नेता मुखर हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी विवादित बयानों को लेकर नाराजगी जाहिर की है।
मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज की गई है। यह एफआईआर आईपीसी की धारा 295 ए ,298, 504, 505(2),153a में दर्ज हुई। इस बीच यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, एक नए नवेले नेता (स्वामी प्रसाद मौर्य) जो कई घाटों का पानी पीकर सपा में गए हैं वहां अखिलेश यादव के भोंपू बने हुए हैं। इन्होंने रामचरितमानस पर जो बयान दिया उसके बाद अखिलेश यादव का इसपर चुप रहना उ.प्र. के माहौल को खराब करने का एक प्रयास है।
अखिलेश पर हमला करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने पूछा, अभी तक अखिलेश यादव ने इस मसले पर कुछ नहीं कहा है। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से पार्टी सहमत है या नहीं।
[ad_2]
Source link