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1. ट्रिपल टेस्ट के बिना आरक्षण नहींः कोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 साल पहले सरकार को ‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूला’ अपनाने की बात कही थी किंतु इतना लंबा समय बीतने के बाद भी उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। उसने कहा कि जब तक ट्रिपल टेस्ट में बताई गई सारी बातों को राज्य सरकार पूरा नहीं करती तब तक पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को निकाय चुनावों में आरक्षण उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।
2. तत्काल अधिसूचना जारी करे सरकारः कोर्ट
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि तमाम निकायों का कार्यकाल खत्म हो चुका है और कुछ का 31 जनवरी 2023 तक खत्म हो जाएगा। ऐसे में जबकि ट्रिपल टेस्ट की कार्यवाही कराना बहुत ही दुष्कर है और इसमें काफी लंबा वक्त लगेगा तो यही उचित होगा कि राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग स्थानीय निकाय चुनाव करने के लिए तत्काल अधिसूचना जारी करे। निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं को संविधान में प्रदत्त व्यवस्था के अनुरूप आरक्षण प्रदान किया जाएगा।
3. निकायों में गठित हो कमिटीः कोर्ट
अधिसूचना जारी करने के कारण के बारे में विस्तार से बताते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-यू में कहा गया है कि एक नगर पालिका का गठन करने के लिए इसकी अवधि समाप्त होने से पहले निर्वाचन पूरा किया जाएगा। ऐसे में जिन निकायों का कार्यकाल खत्म हो रहा है वहां जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाए। यह कमेटी दिन-प्रतिदिन के कार्यों को देखेगी लेकिन कोई ‘पॉलिसी’ निर्णय नहीं लेगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के संदर्भ में इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के गड़बड़ रवैये के कारण पिछड़ों का संवैधानिक अधिकार खत्म होने के कगार पर है। जब भी सामाजिक न्याय और आरक्षण के समर्थन में पक्ष रखने की बात आती है, भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आ जाता है। नगरीय निकाय चुनावों में आरक्षण को लेकर भाजपा सरकार के गड़बड़ रवैये से ओबीसी वर्ग का महत्वपूर्ण संवैधानिक अधिकार खत्म होने की कगार पर है।
प्रियंका गांधी, कांग्रेस नेता
4. थर्ड जेंडर को ओबीसी में आरक्षण
खंडपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा कि जब डेडीकेटेड कमीशन बनाकर पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के विषय पर मंथन हो तो ऐसे में ‘थर्ड जेंडर’ को पिछड़ा वर्ग में आरक्षण देने के बारे में भी विचार किया जाए।
5. आरक्षण तय होगा, तभी होंगे चुनावः योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार नगर निकाय सामान्य चुनाव के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि इसके उपरान्त ही नगर निकाय चुनाव सम्पन्न कराया जाएगा और यदि आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार उच्च न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध उच्चतम न्यायालय में अपील भी करेगी।
6. केशव मौर्य बोले, आरक्षण से समझौता नहीं
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने फैसला आने के बाद ट्वीट कर कहा कि ‘नगर निकाय चुनाव के संबंध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा लेकिन पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’
7. आरक्षण के बिना चुनाव असंभवः अपना दल
सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और उप्र सरकार के मंत्री आशीष पटेल ने कि ओबीसी आरक्षण के बिना निकाय चुनाव किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। हम इस संदर्भ में लखनऊ उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का अध्ययन कर रहे हैं। जरूरत पड़ी तो पार्टी पिछड़ों के हक के लिए उच्चतम न्यायालय में अपील करेगी।’
8. बीजेपी दिखा रही घड़ियाली सहानुभूतिः अखिलेश
सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फैसला आने के बाद ट्वीट किया कि भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है, कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गए दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी। उन्होंने आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछड़ों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील की है।
9. शिवपाल बोले- कार्यकर्ता तैयार रहें
वरिष्ठ सपा नेता और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण की समाप्ति का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। सामाजिक न्याय की लड़ाई को इतनी आसानी से कमजोर होने नहीं दिया जा सकता है। आरक्षण पाने के लिए जितना बड़ा आंदोलन करना पड़ा था, उससे बड़ा आंदोलन इसे बचाने के लिए करना पड़ेगा। कार्यकर्ता तैयार रहें।
10: बीजेपी को जवाब देगी जनताः माया
बसपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को संवैधानिक अधिकार के तहत मिलने वाले आरक्षण को लेकर सरकार की कारगुजारी का संज्ञान लेने सम्बंधी उच्च न्यायालय का फैसला सही मायने में भाजपा एवं उनकी सरकार की ओबीसी एवं आरक्षण-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रकट करता है। उत्तर प्रदेश सरकार को उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से अनुपालन करते हुए ट्रिपल टेस्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को समय से निर्धारित करके चुनाव की प्रक्रिया को अंतिम रूप देना था, जो सही से नहीं हुआ। इस गलती की सजा ओबीसी समाज भाजपा को जरूर देगा।
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