लखनऊः स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही बरतने के मामलों को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बेहद गंभीरता से लिया है। बदायूं के एक नर्सिंग होम में हुई नवजात की मृत्यु के प्रकरण को लेकर उक्त अस्पताल को सील कर दिया गया है। वहीं, बांदा के जिला चिकित्सालय में मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने वाले चिकित्सक का वेतन रोकने का निर्देश जारी हुआ है। डिप्टी सीएम का कहना है कि नियमों की अनदेखी एवं लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि बिल्सी रोड स्थित श्रीबांके बिहारी नर्सिंग होम में कोतवाली क्षेत्र के गांव परेवजनगर निवासी देवेंद्र शर्मा की पत्नी देववती को प्रसव पीड़ा होने पर रविवार दोपहर उक्त नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। चिकित्सक की लापरवाही के चलते नवजात शिशु की मृत्यु हो गई। इस संबंध में सीएमओ को दोषी चिकित्सक के खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्यवाही कर दो दिन के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उक्त हॉस्पिटल को भी सील कर दिया गया है। जांचोपरांत हॉस्पिटल प्रशासन के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
वहीं, बांदा के जिला चिकित्सालय में बाहर की दवाएं लिखने संबंधी प्रकरण का संज्ञान लेते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने आकस्मिक चिकित्साधिकारी डॉ. शिव कुमार मौर्या के दो अनुपस्थित दिवसों (13 व 14 मार्च) का वेतन रोकने के आदेश सीएमओ को दिए हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोई भी चिकित्सक बाहर की दवाएं न लिखें। अधिक आवश्यकता होने पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की जेनेरिक दवाओं का लिखित परामर्श दिया जाए। उन्होंने कहा कि लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीजों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।