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दरअसल ये कहानी तब की है जब मायावती एक साल के लिए बीजेपी के समर्थन से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं और केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। एक इंटरव्यू के दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने बताया कि गोंडा में मायावती का एक कार्यक्रम जयप्रभा ग्राम में चल रहा था। सभी लोग मौजूद थे। कार्यक्रम खत्म हुआ तो मायावती जी को एक स्लिप पकड़ाई गई। मायावती जी पलट कर आईं और उन्होंने कहा कि मुझे गोंडा के लिए कुछ घोषणा करनी है। हम सभी विधायकों के साथ बैठे थे। हमें लगा कि ये या तो इंजीनियरिंग कॉलेज देंगीं क्योंकि उस समय इसकी काफी मांग चल रही थी और या फिर ये गोंडा-बलरामपुर वाली रोड देंगीं। लेकिन मायावती ने ऐलान कर दिया कि मैं गोंडा का नाम बदलकर लोकनायक जय प्रकाश नारायण नगर करती हूं।
बृजभूषण कहते हैं कि ये सुनते ही मैं छटपटाया, तो साथी ने मुझे रोकने की कोशिश की कि आप ये क्या कर रहे हो? लेकिन मैं नहीं माना और मायावती जी से भिड़ गया। मायावती जी ने कहा- जो होना था, हो गया। हमने कहा मुख्यमंत्री जी मेरे शरीर में खून का एक भी कतरा रहेगा तो मैं इस नाम को नहीं होने दूंगा। फिर मैंने इसे लेकर गोंडा में एक आंदोलन खड़ा किया। आंदोलन का तमाम तस्वीरें आदि प्रमाण लेकर मैं अटल बिहारी वाजपेयी जी के पास गया। अटल जी ने एक मिनट में मायावती जी को फोन करके जिले का नाम रोक दिया।
बृजभूषण कहते हैं कि यहां से मेरी दुर्दिन की कहानी शुरू होती है क्योंकि ये नामकरण नाना जी देशमुख ने करवाया था। वो संघ के बहुत बड़े नेता थे। उसी दिन से भाजपा में मेरा विरोध शुरू हो गया। पहले मेरा टिकट काटने का प्रयास किया गया, जब टिकट नहीं कटा तो षड्यंत्र रचकर बलरामपुर भेजा गया कि ये हारेगा। लेकिन मैं वहां भी जीतकर चला आया। दुर्भाग्य था कि जिस दिन वोट पड़ रहा था, उसी दिन घनश्याम शुक्ला का एक्सीडेंट हो जाता है। मैंने ही दाह संस्कार कराया, कलराज मिश्रा जी आए थे। दो दिन तक सारे कार्यक्रम करता रहा। लेकिन तीन दिन के बाद मेरे ऊपर हत्या के आरोप मढ़ दिए गए, ये कहते हुए कि ये सबसे पहले कैसे पहुंच गए?
ये बात अटल जी तक पहुंचा दी गई। फिर जब मैं चुनाव जीतकर अटल जी से मिलने गया, तो योगी आदित्यनाथ के साथ खड़ा था। अटल जी का जैसे ही मैं पैर छूने बढ़ा, उन्होंने छड़ी से मुझे रोक दिया और कहा कि मरवा दिया। मैं समझ नहीं पाया, मैंने पूछा- क्या? उन्होंने फिर कहा- मरवा दिया। मैंने पूछा- किसको? उन्होंने कहा- गोंडा से कौन लड़ेगा? मैंने कहा घनश्याम शुक्ला? उन्होंने कहा- हां। हमने कहा, अटल जी, मैं भगवान समझता था आपको। एक्सीडेंट है, जिस समय एक्सीडेंट हुआ, वहां पर 14 आदमी थे। 13 जिंदा हैं और सभी ब्राह्मण हैं। और आपके मुंह से निकल गया कि मैंने मरवा दिया। अटल जी ने कहा कि लिखकर दोगे, सीबीआई जांच करा दें। हमने लिखकर दिया और तुरंत सीबीआई जांच के आदेश हुए। बृजभूषण आगे कहते हैं कि तीन बार सीबीआई ने फाइनल रिपोर्ट लगाई, हर बार दोबारा जांच कराई गई। ऐसी स्थिति में मैं उस समय बीजेपी में कैसे रहता? उसके बाद मुलायम ने संपर्क हुआ और मैं सपा में चला गया।
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