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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए साफ किया कि हम वर्तमान गठबंधन के साथ यूपी के सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को हराएंगे। समाजवादी पार्टी की अभी प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल और अपना दल कमेरावादी के साथ गठबंधन चल रहा है। अखिलेश के गठबंधन से पहले ही ओमप्रकाश राजभर बाहर जा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी कोलकाता में समाजवादी की पार्टी की बैठक हुई है, तब-तब यूपी में पार्टी आगे बढ़ी है। इसके बाद कोलकाता की बैठक को अखिलेश यादव का टोटका माना जाने लगा है। अखिलेश यादव को टोटका मानने वाले नेताओं में माना जाता है। भाजपा की ओर से इस पर हमला भी होता रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से भी अखिलेश यादव के टोटकों पर बड़ा हमला होता रहा है। उनके नोएडा न जाने के मामले को यूपी चुनाव 2022 में भी खूब उठाया गया। अब कोलकाता में बैठक करने से यूपी में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन वाले उनके बयान को भी टोटके के रूप में देखा जाने लगा है। अखिलेश यादव ने इस दौरान भाजपा पर करारा निशाना साधा।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा को आगामी चुनाव में दो स्तरों पर जवाब देना है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दौरान घोषणापत्र जारी किए थे। उन्हें जवाब देना है कि जिस यूपी की जनता ने प्रदेश और देश में पार्टी को सरकार बनाने का मौका दिया, उन्होंने घोषणापत्र के किए वादों में से कितने पूरे किए? जनता जवाब मांगेगी।
पीएम पर भी साधा निशाना
अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आज बेरोजगारी चरम सीमा पर है। महंगाई चरम सीमा पर है और अन्याय भी चरम सीमा पर है। यूपी के योगी सरकार पर हमला करते हुए अखिलेश ने कहा कि सरकार पैसे खर्च नहीं कर पा रही है। पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट में पैसा खर्च नहीं हो पाया है। महज 30 फीसदी राशि खर्च की जा सकी है। स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों में 40 फीसदी पैसे ही खर्च हो पाए हैं। जिस प्रदेश ने देश को प्रधानमंत्री दिया है, उस प्रदेश में सबसे अधिक बेरोजगारी है।
बिजली संकट पर यूपी सरकार को घेरा
यूपी में जारी बिजली संकट पर करारा हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोगों ने यह संकट पैदा कर दिया है। लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि ये कमाल के लोग हैं। इन्हें जब वोट चाहिए तो जनता में वादे करते हैं। कर्मचारियों से वादे करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले इन कर्मचारियों से वादे किए थे कि उनकी सारी मांगें मानी जाएंगी। सरकार बनने के बाद उन मांगों को नहीं माना जा रहा है। इस कारण पूरे प्रदेश में बिजली संकट पैदा हो गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या पुलिस पावर प्लांट चलाएगी? क्या पुलिस सब स्टेशन को देखेगी? क्या पुलिस वितरण देखेगी? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जो पुलिस लॉ एंड ऑर्डर सही नहीं कर पा रही है, वह बिजली कैसे दुरुस्त करेगी।
कांग्रेस की भूमिका तय होने की कही बात
गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि देश में अभी कई गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव एक गठबंधन की कवायद कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एक गठबंधन का प्रयास कर रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस को भी अपनी भूमिका तय करनी चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि हम लोग क्षेत्रीय पार्टियां हैं, कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है। इसलिए, उनकी भूमिका तय होनी चाहिए। भाजपा के सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास नारे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है, जब देश में जातीय जनणना हो। उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक इस प्रकार की मांग की जा रही है। इस प्रकार अखिलेश ने एक बार फिर जातीय जनगणना की मांग को जोरदार तरीके से उठा दिया है।
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