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UPSC 2022: अगर आप भी किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं तो आपको ये तीन कहानियां जरूर पढ़नी चाहिए जो आपको एक बार फिर ये अहसास करा देंगी कि कठिन परिश्रम और पक्के इरादे से कुछ भी मुमकिन है।
UPSC (IAS) Success Story
UPSC 2022: UPSC (IAS) सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा में सफलता का प्रतिशत बहुत काम होता है। इस परीक्षा का सिलेबस बहुत ज्यादा होता है और इसकी तैयारी में बहुत समय लगता है। ज्यादातर उम्मीदवारों का धैर्य इस परीक्षा की तैयारी के दौरान जवाब दे जाता है। कुछ जीवन में विपरीत परिस्थितयों के कारण इस परीक्षा की तैयारी छोड़ देते हैं। अगर आप भी किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं तो आपको ये तीन कहानियां जरूर पढ़नी चाहिए जो आपको एक बार फिर ये अहसास करा देंगी कि कठिन परिश्रम और पक्के इरादे से कुछ भी मुमकिन है।
✓ जन्म से ही 100 प्रतिशत नेत्रहीन बाला नागेन्द्रन की Success Story: UPSC क्लियर कर हासिल की 659वीं रैंक
भले ही बाज़ार में UPSC Civil Service की तैयारी के लिए बहुत सारा Study Material उपलब्ध हो मगर नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए आज भी बहुत कम विकल्प है। नेत्रहीन लोगो को वैसे भी रोजमर्रा के काम करने में ढेरों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जब दिल में जोश हो इरादे मजबूत हो तो इंसान हर कठिनाई को पार कर लेता है और बाला नागेन्द्रन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। बाला नागेन्द्रन जन्म से ही 100 प्रतिशत नेत्रहीन हैं। बाला नागेन्द्रन का IAS बनाने का सपना उनके 9th अटेम्प्ट में पूरा हुआ। हालाँकि उन्होंने ने अब तक तीन बार इस परीक्षा को क्लियर किया है। उनकी पूरी कहानी आप नीचे दिए गए लिंक के द्वारा जरूर पढ़नी चाहिए।
जन्म से नेत्रहीन बाला नागेन्द्रन ने 9वें एटेम्पट में UPSC क्लियर कर हासिल की 659वीं रैंक
✓ इरा सिंघल की Success Story: UPSC में हासिल की 1st रैंक
IAS इरा सिंघल स्कोलियोसिस (Scoliosis) से पीड़ित है जो रीढ़ की हड्डी का गंभीर रोग है और इसका कोई इलाज नहीं है। इस बिमारी के कारण इंसान को रोजमर्रा के काम करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इरा ने कभी भी अपनी विकलांगता को अपने सपनों के मार्ग में बाधा नहीं बनने दिया। इरा ने 2014 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा की सामान्य श्रेणी में टॉप किया। इससे पहले भी उनका 3 बार UPSC में सिलेक्शन होने के बाद भी उन्हें उनकी बीमारी के कारण कोई सर्विस अलॉट नहीं की गई उन्हें मुकदमा भी लड़ना पड़ा। इरा के संघर्ष की पूरी कहानी आ नीचे दिए गए लिंक के द्वारा पढ़ सकते हैं।
जानें UPSC 2014 में AIR 1 हासिल करने वाली इरा सिंघल के संघर्ष की कहानी
✓ पूर्णा साँथरी की Success Story: UPSC में हासिल की 286 रैंक
पांच साल की उम्र में पूर्णा साँथरी की आंखों की रोशनी कम होने लगी थी। उनके माता पिता ने उनका इलाज कराया लेकिन डॉक्टरों ने कहा की पूर्णा को एक दुर्लभ अपक्षयी विकार की बिमारी है। कुछ समय बाद उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह से ख़राब हो गई और उनकी बाईं आंख को बचाने की कोशिश के लिए सर्जरी की गई। लेकिन यह सर्जरी भी असफल रही और पूर्णा ने धीरे-धीरे अपनी दोनों आँखों की रोशनी खो दी। तैयारी के दौरान उन्हें उनके माता पिता और दोस्तों ने सहयोग किया और कड़ी मेहनत से उन्होंने इस कठिन परीक्षा को क्रैक किया। इनकी पूरी कहानी आप नीचे दिए गए लिंक के द्वारा हासिल कर सकते हैं।
25 वर्षीय पूर्णा साँथरी ने दृष्टिबाधित होने के बावजूद किया UPSC क्लियर
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