
[ad_1]
IPS Success Story: बिहार के रहने वाले गौहर हसन ने UPSC सिविल सेवा के लिए सात साल तैयारी की, जिसके बाद उन्होंने अपने पांचवे प्रयास में इसमें सफलता पाई। वर्तमान में वह IPS अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
IPS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा देशभर में कई युवाओं का सपना है। युवा इस परीक्षा के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की बागडोर संभालने का सपना संजोते हैं। हालांकि, यह सपना सच करना इतना आसान नहीं है। क्योंकि, इस परीक्षा को पास करने के लिए एक लंबी तैयारी की जरूरत होती है। कई बार युवाओं को इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ता है। वहीं, कुछ युवा इस सफर के बीच हिम्मत हारकर बैठ जाते हैं, जबकि कुछ युवा सफलता के इंतजार में मेहनत करते रहते हैं। आज हम आपको बिहार के रहने वाले गौहर हसन की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सिविल सेवा को पास करने के लिए सात साल तैयारी की। इस बीच वह चार बार असफल रहे, लेकिन अपने पांचवे प्रयास में वह 137वीं रैंक के साथ आईपीएस बनने में सफल रहे।
गौहर का परिचय
गौहर मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी 10वीं तक की शिक्षा बिहार से पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली आकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में कंप्यूटर कोर्स किया। कोर्स करने के बाद उन्हें निजी क्षेत्र में नौकरी मिल गई थी। वहीं, उन्होंने इवनिंग में बीई में दाखिला लेकर अपनी स्नातक की पढ़ाई करना भी शुरू कर दिया था।
ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में शुरू की तैयारी
गौहर जब ग्रेजुएशन में पढ़ रहे थे, तब उन्होंने सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया। ऐसे में उन्होंने ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में सिविल सेवा की तैयारी करना शुरू किया।
जब कई बार देखी असफलता
गौहर ने यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और अपना पहला प्रयास किया, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स की परीक्षा को भी पास नहीं कर सके। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरा प्रयास किया। वह दूसरे प्रयास में मेंस तक पहुंचे, लेकिन फेल हो गए। गौहर ने फिर से तैयारी की और तीसरा प्रयास किया और वह फिर से मेंस परीक्षा तक पहुंचे, लेकिन इस बार भी वह मेंस में ही फेल हो गए। गौहर का मनोबल टूट रहा था, लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और चौथा प्रयास किया। इस बार उन्होंने मेंस परीक्षा पास की और इंटरव्यू में पहुंच गए। हालांकि, जब परिणाम आया, तो वह फाइनल लिस्ट में जगह बनाने में असफल हो गए।
लक्षद्वीप के दौरे के दौरान 5 आईपीएस, मालदीव के 2 और भूटान के एक सहित 8 प्रशिक्षुओं ने बहादुरी दिखाते हुए समुद्र में डूब रहे एक परिवार को बचाया।
अकादमी ने जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए वर्दी की भावना के प्रति सच्ची बहादुरी के निःस्वार्थ कार्य की सराहना की pic.twitter.com/1EH7JsQeQ5– एसवीपीएनपीए (@svpnpahyd)
5 जून, 2021
पांचवे प्रयास में पाई सफलता
गौहर को तैयारी करते हुए छह साल हो गए थे। ऐसे में उन्होंने सातवें साल भी तैयारी करने का निर्णय लिया और अपने पांचवे प्रयास के लिए परीक्षा दी। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 2018 की फाइनल लिस्ट में 137वीं रैंक के साथ जगह बनाई और उन्हें आईपीएस की सेवा मिली।
अभ्यर्थियों को सलाह
गौहर ने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि अधिक किताबों को पढ़ने के बजाय केवल सीमित किताबों को ही पढ़ें। क्योंकि, कई किताबों से पढ़ने से बेहतर है कि जिन किताबों को पढ़ा है, उन्हीं से रिविजन किया जाए। इससे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
[ad_2]
Source link