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IAS Success Story: हरियाणा की रहने वाली देवयानी यादव ने अपने छठे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा को पास कर IAS बनने का सपना पूरा किया। इसके लिए उन्होंने वीकेंड का इस्तेमाल किया और सफलता के शिखर तक पहुंची।
आईएएस देवयानी यादव
IAS Success Story: देश में बहुत से युवाओं का सपना UPSC सिविल सेवा परीक्षा को पास कर उच्च पद पर पहुंच नौकरी करने का होता है। वे इसके लिए दिन-रात मेहनत करते हैं और पूरा सप्ताह पढ़ते हैं, लेकिन इसके बाद भी सफलता सुनिश्चित नहीं होती है। आज हम आपको हरियाणा की रहने वाली देवयानी यादव की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने चार बार असफलता का मुंह देखा और पांचवे प्रयास में अकाउंट्स सेवा में नौकरी प्राप्त की। हालांकि, उन्होंने हार न मानते हुए फिर से प्रयास किया और छठे प्रयास में IAS अधिकारी बन गई।
देवयानी सिंह का परिचय
देवयानी मूलरूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं। उनके पिता एक सिविल सेवक हैं। देवयानी ने चंडीगढ़ के एसएच सीनियर सेकेंड्री स्कूल से अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने गोवा के बिट्स पिलानी से बीटेक की डिग्री पूरी की।
2015 से 2017 में फेल
देवयानी ने अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू की। उन्होंने अपना पहला प्रयास किया, लेकिन वह 2015 के अपने पहले प्रयास में ही फेल हो गई। वहीं, साल 2016 में उन्होंने फिर से प्रयास किया, लेकिन इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने हार नहीं मानी और साल 2017 में फिर से प्रयास किया, जिसमें उन्हें फिर से असफलता का मुंह देखना पड़ा।
2018 में इंटरव्यू में फेल
साल 2018 में देवयानी ने अपना चौथा प्रयास किया और इस बार उन्होंने प्रीलिम्स और मेंस की परीक्षा पास करते हुए इंटरव्यू में जगह बनाई। यहां पहुंचने पर वह फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना पाई। हालांकि, सफलता के इतने नजदीक पहुंचने पर उन्होंने फिर से तैयारी करने का निर्णय लिया।
मेरी छोटी बहन देवयानी ने 222वीं रैंक हासिल कर यूपीएससी पास किया है। मैं बस अपनी खुशी को शामिल नहीं कर पा रहा हूं। pic.twitter.com/sgkmBbF63L
— तनु यादव| तनु यादव (@Tanuinc)
4 अगस्त, 2020
2019 में प्राप्त की 222 रैंक
देवयानी ने साल 2019 में सिविल सेवाओं में सफलता प्राप्त करते हुए 222 रैंक हासिल की, जिसके बाद उन्हें लेखा सेवाएं मिली। हालांकि, वह इससे खुश नहीं थी, क्योंकि वह आईएएस बनना चाहती थी। ऐसे में उन्होंने फिर से तैयारी करने का निर्णय लिया। सिविल सेवा पास करने के बाद वह शिमला में लेखा सेवा की ट्रेनिंग लेने चलने गई थी, जहां उन्हें पांच दिन ट्रेनिंग में बिताने पड़ते थे। ऐसे में उनके पास सिर्फ दो दिन का समय वीकेंड पर रहता था। उन्होंने इन दो दिनों का इस्तेमाल आईएएस की तैयारी में लगाने का निर्णय लिया।
11वीं रैंक के साथ बनी IAS
देवयानी सिंह ने वीकेंड पर तैयारी करते हुए फिर से सिविल सेवा परीक्षा दी और इस बार उन्होंने 11वीं रैंक प्राप्त कर IAS बनने का सपना पूरा कर दिया।
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