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IAS Success Story: डॉ. राजदीप सिंह खैरा के पिता का यूपीएससी सिविल सेवा इंटरव्यू से पहले निधन हो गया था। वहीं, वह परीक्षा में चार बार फेल भी हुए थे, हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और पांचवे प्रयास में आईएएस अधिकारी बन गए।
IAS Success Story: Interview से पहले हो गई थी पिता की मौत, डॉ राजदीप खैरा पांचवे प्रयास में बने IAS
IAS Success Story: यदि मन में कुछ करने की चाह हो, तो फिर हर लक्ष्य को पाया जा सकता है। इसके लिए नियमित रूप से अपने लक्ष्य के प्रति मेहनत करने की आवश्यकता होती है, जिससे अपनी मंजिल तक पहुंचा जा सकता है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से डॉ. राजदीप सिंह खैरा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में चार बार असफलताओं का सामना किया। वहीं, इंटरव्यू से पहले उनके पिता का निधन हो गया था, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय आगे बढ़ना बेहतर समझा और सफलता प्राप्त करते हुए 495 रैंक हासिल की।
डॉ. राजदीप का परिचय
डॉ. राजदीप ने 12वीं तक की पढ़ाई लुधियाना से पूरी की है। उन्होंने साइंस विषयों के साथ अपनी स्कूली पढ़ाई की। इसके बाद पटियाला स्थित सराकरी मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री पूरी की। डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने सिविल अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के रूप में काम किया।
यूपीएससी में चार बार फेल
राजदीप सिंह खैरा ने आईएएस बनने का सपना देखा था, हालांकि मंजिल तक पहुंचना आसान नहीं था। उन्होंने परीक्षा की तैयारी शुरू की और अपना पहला प्रयास किया, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सके। उन्होंने अपना दूसरा प्रयास किया और वह इसमें भी असफल साबित हुए। राजदीप ने यह तय कर लिया था कि उन्हें आईएएस अधिकारी ही बनना है। इसके लिए उन्होंने पीछे मुड़ने के बजाय आगे बढ़ना ही बेहतर समझा और तीसरा प्रयास भी दिया, लेकिन वह फिर फेल हो गए। वहीं, चौथे प्रयास में पूरी तैयारी के साथ शामिल हुए, लेकिन एक बार फिर असफलता का मुंह देखना पड़ा।
इंटरव्यू से पहले पिता का निधन
राजदीप सिंह अपने पांचवे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में शामिल रहे थे कि इस बीच उनके पिता का निधन हो गया। कोरोना की दूसरी लहर में राजदीप के पिता का मई 2021 में निधन हो गया था, जिससे परिवार में दुख का पहाड़ टूट पड़ा। हालांकि, उन्होंने तब भी हार नहीं मानी और अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हुए सितंबर 2021 में यूपीएससी सिविल सेवा के इंटरव्यू में शामिल हुए।
495वीं रैंक लाकर पास की परीक्षा
राजदीप ने अपने पांचवे प्रयास में कड़ी मेहनत की और इस बार उन्होंने इंटरव्यू पास करते हुए 495 रैंक प्राप्त की। इस सफलता के साथ उनका आईएएस बनने का सपना पूरा किया। वर्तमान में वह जालंधर में सहायक आयुक्त के पद पर तैनात हैं।
हार को करें स्वीकार
राजदीप का मानना है कि जीवन में जो भी हार आए, उसे स्वीकार करना चाहिए और जीत की तरफ बढ़ना चाहिए। वहीं, तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से ध्यान भटकता है। ऐसे में इससे भी दूरी बनाना जरूरी है। नियमित रूप से तैयारी करें, तो सफलता जरूर मिलती है।
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