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IAS Success Story: दिल्ली की रहनी वाली विशाखा यादव ने डीटीयू से पढ़ाई करने के बाद लाखों रुपये की नौकरी पा ली थी, लेकिन उन्होंने नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की। दो बार प्रिलिम्स की परीक्षा में फेल होने के बाद उन्होंने तीसरे प्रयास में आईएएस अधिकारी बनकर अपना सपना पूरा किया।
IAS Success Story: DTU के बाद मिली थी लाखों की नौकरी, Prelims में दो बार हुई फेल, तीसरे प्रयास में IAS बनीं विशाखा यादव
IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) की ओर से हर साल सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से युवा शामिल होकर अपने सपनों को पंख लगाने का प्रयास करते हैं। हालांकि, इसमें कुछ ही युवाओं के हाथ सफलता लगती है, जबकि अधिकांश युवा असफलता के साथ ऊंची उड़ान नहीं भर पाते हैं। वहीं, कुछ युवा असफलताओं से सीखकर सफलता तक की सीढ़ी तैयार करते हैं और जब तक अपना सपना पूरा नहीं कर लेते, तब तक अपनी तैयारी को नहीं छोड़ते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से दिल्ली की रहने वाली विशाखा यादव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने डीटीयू से इंजीनियरिंग करने के बाद लाखों रुपये के पैकेज वाली नौकरी पा ली थी, लेकिन यूपीएससी के लिए उन्होंने नौकरी को छोड़ दिया था। हालांकि, वह दो बार प्रिलिम्स की परीक्षा में असफल हुई और तीसरे प्रयास में आईएएस टॉपर बन गई।
विशाखा का परिचय
विशाखा दिल्ली के द्वारका की रहने वाली हैं। उनकी स्कूली शिक्षा दिल्ली में ही पूरी हुई। साथ ही उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई भी दिल्ली से ही की। विशाखा ने जेईई मेंस की परीक्षा पास कर दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय(डीटीयू) में इंजीनियरिंग में दाखिला लेकर बीटेक की पढ़ाई पूरी की।
पढ़ाई के बाद मिला लाखों रुपये का पैकेज, लेकिन छोड़ी नौकरी
इंजीनियरिंग करने के बाद विशाखा को कॉलेज से ही लाखों रुपये का पैकेज मिल गया था। इसके बाद उन्होंने दो साल तक नौकरी की, लेकिन मन में आईएएस बनने का सपना था। इस वजह से उनका नौकरी में मन नहीं लगा और उन्होंने अपना लाखों रुपये का पैकेज छोड़ दिया।
नौकरी छोड़कर की यूपीएससी की तैयारी
विशाखा यादव ने अपने आईएएस बनने के सपने के लिए नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की। यह निर्णय उनके लिए कठिन था, लेकिन उन्होंने अपने सपने के आगे इस फैसले को जरूरी समझते हुए तैयारी करने का निर्णय लिया। उन्होंने तैयारी के दौरान नोट्स व विभिन्न प्रकार की पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन किया।
प्रिलिम्स की परीक्षा में दो बार हो गई थीं फेल
विशाखा यादव ने तैयारी के साथ पहला प्रयास दिया था, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में ही फेल हो गई थी। हालांकि, उन्होंने अपनी असफलता से सीखते हुए फिर से तैयारी की और दूसरी बार परीक्षा दी। लेकिन, वह इस बार भी प्रिलिम्स की परीक्षा में फेल हो गई। इससे वह काफी हताश हुई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
तीसरे प्रयास में हासिल की छठी रैंक, बनीं आईएएस
विशाखा ने हार न मानते हुए अपनी तैयारी को जारी रखा और तीसरा प्रयास किया। इस प्रयास में उन्होंने प्रिलिम्स, मेंस और साक्षात्कार को पास करते हुए देशभर में छठी रैंक हासिल की और आईएएस टॉपर बन गईं।
अभ्यर्थियों को यह सलाह
विशाखा यादव अभ्यर्थियों को सलाह देती हैं कि अधिक किताबें पढ़ने के बजाय कम किताबों को अधिक से अधिक पढ़ा जाए। साथ ही मॉक टेस्ट की प्रैक्टिस भी जरूरी है। नियमित रूप से मेहनत करके ही सफलता तक पहुंचा जा सकता है।
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