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IAS Success Story: शुगर मिल में पिता हैं रिकॉर्ड कीपर, अंकिता 14वीं रैंक के साथ बनी IAS

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IAS Success Story:  शुगर मिल में पिता हैं रिकॉर्ड कीपर, अंकिता 14वीं रैंक के साथ बनी IAS

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IAS Success Story: हरियाणा की रहने वाली अंकिता चौधरी का उनकी मां से अधिक लगाव था। लेकिन, मां का साया उठा गया, जिसके बाद उनके पिता ही उनकी मां हुए। उनके पिता एक सुगर मिल में रिकॉर्ड कीपर का काम करते हैं, जबकि बेटी अंकिता ने 14वीं रैंक प्राप्त कर IAS बनने का सपना सच कर दिया।

आईएएस अंकिता चौधरी

आईएएस अंकिता चौधरी

IAS Success Story:  संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार है। यही वजह है कि देशभर से कई युवा इस परीक्षा की तेयारी करते हैं। दिन-रात मेहनत करने के बाद भी इसमें सफलता सुनिश्चित नहीं होती है,लेकिन फिर भी युवा इस परीक्षा की तैयारी करते हैं और सफलता के शिखर तक पहुंचने के इंतजार में रहते हैं। आज हम आपको हरियाणा की अंकिता चौधरी के की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनके सिर से मां का साया उठ गया था। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। उनके पिता एक सुगर मिल में रिकॉर्ड कीपर का काम करते हैं और अंकिता ने 14वीं रैंक के साथ IAS की परीक्षा पास कर अपना सपना पूरा किया।

अंकिता का परिचय

अंकिता मूलरूप से हरियाणा की रहने वाली हैं। परिवार में पिता सत्यवान ढाका एक सुगर मिल में रिकॉर्ड कीपर का काम करते हैं, जबकि भाई का शटरिंग का काम है। वहीं, अंकिता को अपनी मां और पेशे से शिक्षिका रही अंजुबाला से काफी लगाव था, लेकिन साल 2012 में मां का निधन हो गया, जिसके बाद उनके पिता ही उनकी मां बन गए थे। वह अपनी सभी छोटी-बड़ी चीजों को अपने पिता से साझा किया करती थी।

हिंदू कॉलेज से Bsc और IIT से MSc.

अंकिता पढ़ने में अच्छी थी। ऐसे में उन्होंने 12वीं में अच्छे अंक प्राप्त कर हिंदू कॉलेज में दाखिला लिया। यहां से उन्होंने बीएससी में स्नातक किया और आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने आईआईटी में दाखिला लिया। यहां से उन्होंने एमएससी की पढ़ाई पूरी की।

खेलकूद में भी आगे

अंकिता सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं आगे थी, बल्कि उन्होंने खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी खुद को सक्रिय रखा। उन्होंने राज्य स्तर पर ताइक्वांडों  खेला, वहीं डिस्कवरी चैनल पर आने वाले ज्ञानवर्धक शो उन्हें काफी पसंद थे।

बनना चाहती थी वैज्ञानिक

अंकिता के पिता सत्यवान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी बेटी पहले वैज्ञानिक बनना चाहती थी। हालांकि, उन्होंने अपनी बेटी को समझाया, तो वह आईएएस बनने का लिए तैयारी हुई। इसके बाद से उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी करना शुरू कर दिया था।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए किया इंटरनेट का उपयोग

अंकिता ने इंटरनेट का प्रयोग सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए किया। उन्होंने दो साल तक कोचिंग की और इस दौरान अपनी तैयारी पर फोकस रखा। तैयारी के दौरान वह सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूर हो गई थी। साथ ही अपने घर वालों से भी बहुत कम बात कर पाती थी।

14वीं रैंक के साथ बनी आईएएस

अंकिता ने दो वर्षों तक तैयारी की और अंत में साल 2019 की सिविल सेवा परीक्षा में उन्होंने 14वीं रैंक प्राप्त कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर दिया।

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