
[ad_1]
IAS Success Story: सिविल सेवा परीक्षा में तीसरे प्रयास में अर्पित चौहान ने 20वीं रैंक हासिल कर अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया। इस लेख के माध्यम से हम उनके यूपीएससी यात्रा के बारे में जानेंगे। जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।

आईएएस अर्पित चौहान
IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा देशभर में कठिन परीक्षाओं में शामलि है। यही वजह है कि सालों तक युवा इस परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन फिर भी परीक्षा में सफलता सुनिश्चित नहीं होती है। क्योंकि, इस परीक्षा को पास करने के लिए सिर्फ किताबी ज्ञान की जरूरत नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान की भी आवश्यकता होती है। ऐसे में कुछ युवा इसके अंतिम चरण यानि इंटव्यू तक भी पहुंचकर बाहर हो जाते हैं। वहीं, कुछ युवा शुरुआत में तो कुछ युवा बीच में ही यूपीएससी की यात्रा से बाहर हो जाते हैं। आज हम आपको अर्पित चौहान की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में तीसरे प्रयास में 20वीं रैंक हासिल कर अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया। उनकी पूरी यात्रा जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
अर्पित चौहान का परिचय
अर्पित चौहान मूलरूप से उत्तराखंड के उधमसिंह जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता बलकरण सिंह प्राथमिक विद्यालय में हेडमास्टर व माता अनिता चौहान अंग्रेजी की शिक्षिका हैं। ऐसे में अर्पित के घर में शुरू से ही पढ़ाई वाला माहौल रहा।
इंजीनियरिंग के बाद यूपीएससी का निर्णय
अर्पित जब काशीपुर स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ रहे थे, तब उन्हें आईएएस के बार में पता चला, जिसके बाद उन्होंने आईएएस बनने का निश्चय किया था। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की और इसके बाद इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी।
पहले प्रयास में हुए फेल
अर्पित चौहान ने साल 2019 में सिविल सेवा का पहला प्रयास किया, लेकिन वह पहले प्रयास में सफल नहीं हो सके। उन्होंने निराश होने के बजाय दूसरे प्रयास के लिए खुद को तैयार किया और फिर से तैयारी में जुट गए।
दूसरे प्रयास में सफलता मिलने पर नहीं हुए खुश
अर्पित चौहान ने सिविल सेवा का दूसरा प्रयास किया। इस बार उन्होंने प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू के चरणों को पास करते हुए फाइनल सूची में जगह बनाई। उन्हें यूपीएससी की ओर से डिफेंस सर्विस में मिली, लेकिन वह इस सेवा से खुश नहीं थे। ऐसे में उन्होंने फिर से तैयारी करने का निर्णय लिया।
तीसरे प्रयास में 20वीं रैंक के साथ आईएएस
अर्पित चौहान ने तीसरे प्रयास में अपनी कमियों पर और काम किया। साथ ही एक निश्चित टाइम टेबल के साथ अपनी पढ़ाई पर फोकस रखा। उन्होंने इस बार प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू परीक्षा में सफलता हासिल करते हुए 20वीं रैंक प्राप्त की और अपना आईएएस बनने का सपना पूरा कर दिया।
यूपीएससी से जुड़ी इसी प्रकार की प्रेरक कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गिए लिंक पर क्लिक करें।
पढ़ेंः IAS Success Story: मजदूर की बेटी अवस्थी एस दो बार हुई फेल, तीसरे प्रयास में बनी IAS
[ad_2]
Source link