
[ad_1]
IAS Success Story: दीक्षा जोशी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए पहले कोचिंग ली। हालांकि, वह शुरुआत में फेल हो गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सेल्फ स्टडी के माध्यम से 19वीं रैंक के साथ आईएएस अधिकारी बन गई।
IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवा परीक्षा देश की कठिन परीक्षाओं में शामिल है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की बागडोर संभालने के लिए हर साल लाखों युवा रण में उतरते हैं, लेकिन इसमें से जीतता वही है, जो दृढ़ता, निरंतरता और मेहनत के साथ रण में टिका रहता है। क्योंकि, यूपीएससी परीक्षा को पास करना आसान नहीं है। यही वजह है कि इस परीक्षा को देने के लिए कई बार युवाओं को एक लंबी यात्रा से गुजरना पड़ता है, जिसमें कई बार आशा, निराशा और असफलताओं के कई चरण आते हैं। इन सभी चरणों से गुजरते हुए एक अभ्यर्थी सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम चरण यानि इंटरव्यू तक पहुंचता है, जो कि आसान नहीं है। आज हम आपको उतराखंड की रहने वाली दीक्षा जोशी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने पहले कोचिंग ली, लेकिन जब सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने सेल्फ स्टडी को आधार बनाया और सिविल सेवा परीक्षा में 19वीं रैंक के साथ आईएएस बनकर सफलता प्राप्त की।
दीक्षा जोशी का परिचय
दीक्षा जोशी मूलरूप से उतराखंड के पिथौरागढ़ ब्लॉक के मूनाकोट ब्लॉक के सिलोनी गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई उतराखंड से ही पूरी की। देहरादून से स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने यही स्थित हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से MBBS की डिग्री पूरी की। दीक्षा के पिता सुरेश जोशी भाजपा में वरिष्ठ नेता हैं वहीं, माता गीता जोशी गृहणी हैं।
इंटर्नशिप में बनाया सिविल सेवा में जाने का मन
दीक्षा जब एमबीबीएस में इंटर्नशिप कर रही थी, तभी उन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बनाया। उन्होंने यही से तय किया था कि आगे चलकर आईएएस बनना है।
कोचिंग ली, लेकिन हुई फेल
दीक्षा ने अपने सिविल सेवा के सपने को पूरा करने के लिए कोचिंग ली। साथ ही कोचिंग के साथ-साथ खुद भी तैयारी की, लेकिन वह अपने पहले प्रयास में सफल नहीं हो सकी। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और खुद को दूसरे प्रयास के लिए तैयार किया।
दूसरे प्रयास में भी नहीं मिली सफलता
दीक्षा जोशी ने पहले प्रयास में फेल होने के बाद दूसरे प्रयास के लिए फिर से तैयारी की, लेकिन परीक्षा को पास करना इतना आसान नहीं था। ऐसे में वह फिर से असफल हो गई, लेकिन उन्होंने इस बार भी हार नहीं मानी।
सेल्फ स्टडी सी पाई 19वीं रैंक
दीक्षा जोशी ने फेल होने के बाद कोचिंग को छोड़ दिया था। ऐसे में उन्होंने पूरी तरह से खुद पर फोकस किया। उन्होंने दिन में अपने पढ़ने का समय निर्धारित किया। साथ ही एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों के साथ कुछ पांरपरिक पुस्तकों को भी पढ़ना शुरू किया। उन्होंने अधिक पुस्तकें पढ़ने के बजाय सीमित पुस्तकें पढ़ीं और बार-बार उनका रिविजन किया। वहीं, साल 2021 की परीक्षा में उन्होंने 1020 अंकों के साथ 19वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा कर दिया।
अभ्यर्थियों को यह सलाह
दीक्षा जोशी ने अपनी सफलता के बाद यूपीएससी अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि अभ्यर्थी अपने ऊपर भरोसा रखें। इसके साथ ही अपनी कमजोरियों पर भी फोकस करें, जिससे उन्होंने पता चल सके किस जगह अधिक फोकस करना है।
[ad_2]
Source link