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Auditory Learning: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का बेहतर और प्रभावशाली तरीका

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Auditory Learning: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने का बेहतर और प्रभावशाली तरीका

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ऑडियो-आधारित शिक्षा ने UPSC, PSC, Banking और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उम्मीदवारों की तैयारी के तरीके में क्रांति ला दी है। क्या जानना है कि आप सरकारी परीक्षाओं की तैयारी के स्मार्ट तरीके को कैसे अपना सकते हैं? यहां विवरण जांचें।

किसी भी UPSC, SSC या अन्य सरकारी नौकरी की तैयारी करने वालों से पूछा जाए कि एग्जाम को क्रैक करने में उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या है, तो आपको सबसे आम उत्तर “टाइम की कमी” मिलेगा! वे दिन गए जब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों को अध्ययन सामग्री की तलाश के लिए पुराने राजेंद्र नगर या मुखर्जी नगर की सड़कों पर भागदौड़ करना पड़ता था! ‘Jio’ क्रांति का बहुत-बहुत धन्यवाद, आज एस्पिरेंट्स के पास अध्ययन सामग्री की भरमार है, चाहे वह दैनिक समाचार पत्र के संपादकीय हों या विषय-वार नोट्स हों। आइए जानते हैं कि समय की कमी के बावजूद एस्पिरेंट्स की तैयारियां किस तरह से बेहतर हो सकती हैं।

जैसा कि कहावत है…सफलता “समय होने” के बारे में नहीं है, यह “समय बनाने” के बारे में है; और ठीक यही चीज ऑडिटिरी लर्निंग (Auditory Learning) से एस्पिरेंट्स को मदद मिल रही है। लेकिन इससे पहले कि हम आगे देखें कि कैसे ऑडियो-आधारित शिक्षा ने UPSC, PSC, बैंकिंग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एस्पिरेंट्स की तैयारी के तरीके में क्रांति ला दी है, यह समझना महत्वपूर्ण है कि ऑडिटिरी लर्निंग क्या है?           

ऑडिटिरी लर्निंग क्या है?

शिक्षाविद नील डी. फ्लेमिंग द्वारा प्रस्तुत लर्निंग स्टाइल मॉडल के अनुसार, लर्निंग के मॉडल के चार प्रमुख घटक हैं:

  • विजुअल लर्निंग – देखकर सीखना
  • ओरल लर्निंग – सुनकर सीखना
  • कायनेस्थेटिक – अनुभव से सीखना
  • लिखकर या पढ़कर सीखना

सीखने की इन चार शैलियों में से, ऑडिटिरी लर्निंग (Auditory Learning) की शैली छात्रों के लिए सबसे कम एक्सप्लोर की गई सीखने की शैली है। जबकि विजुअल और कायनेस्थेटिक सीखने की शैलियों के कई मॉडलों में ऑडिटिरी लर्निंग एक एलिमेंट के रूप में शामिल होता है। शायद ही कभी हमारे पास ऐसा फॉर्मेट रहा हो, जिसमें ऑडियो सीखने के फॉर्मेट का प्राथमिक साधन रहा हो।

ऑडियो के माध्यम से सीखने के फायदे

ऊपर दिए गए 4 मॉडलों में से, सीखने की प्रक्रिया का सबसे ज्यादा ध्यान न दिया जाने वाला पहलू निश्चित रूप से ऑडिटिरी या ऑरल लर्निंग की विधि है। कक्षा-आधारित शिक्षा में स्पष्ट होने पर यह चुनौती तब और भी तेज हो जाती है, जब स्व-अध्ययन यानी सेल्फ स्टडी की बात आती है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं के एस्पिरेंट्स के लिए सीखने का प्राथमिक तरीका है। लेकिन बदलते समय के साथ इस चलन में भी तेजी से बदलाव देखने को मिला है।

महामारी के दौरान कई शिक्षकों ने ऑडिटिरी लर्निंग (Auditory Learning) को अपनाया। यह ऑडियो आधारित शिक्षा उन छात्रों के लिए एक समाधान लेकर आया, जो फिजिक्स लेक्चर या लाइव ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं हो सकते थे। यहां तक कि प्रतियोगी परीक्षा के एस्पिरेंट्स के लिए ऑडियो लेक्चर सीरीज और ऑडियो रिविजन सहित कई नए तरीकों ने UPSC, बैंकिंग और SSC परीक्षाओं की तैयारी को अपने घर-नगर और गांवों से दूर से जारी रखने में मदद की। इस चरण के दौरान, एस्पिरेंट्स ने पारंपरिक कक्षा या टेक्स बेस्ड लर्निंग से हटकर ऑडियो के माध्यम से सीखने के कई प्रमुख लाभों पर ध्यान दिया। उनमें से कुछ की चर्चा नीचे की गई है:

आइए कुछ ऐसे फायदों पर नजर डालते हैं जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में ऑडिटिरी लर्निंग (Auditory Learning) के तरीके में मिलता है!

मल्टी-टास्किंग और फ्लेक्सिबिलिटी की सुविधा: ऑडिटिरी लर्निंग के सबसे बड़े लाभों में से एक डेस्क की बेड़ियों और औपचारिक क्लासरूम सेट-अप को तोड़ना है। जबकि अन्य सभी लर्निंग की प्रक्रियाओं में छात्रों को क्लास में उपस्थित होने की आवश्यकता होती है। ऑडिटिरी लर्निंग न केवल फ्लेक्सिबल है, बल्कि छात्रों को मल्टी-टास्किंग की सुविधा देता है। उदाहरण के लिए, एक छात्र ट्रैवल करते हुए  या अन्य दैनिक गतिविधियों या कार्यों को करते हुए भी अपना ऑडियो लेक्चर जारी रख सकता है।

समय की बचत और सुविधाजनक: फ्लेक्सिबिलिटी और मल्टी-टास्किंग की सुविधा होने से ऑडिटिरी लर्निंग छात्रों का समय बचाता है, साथ ही यह उनके लिए सुविधाजनक भी है। क्योंकि आप कहीं भी, कभी भी क्लासेस और लेक्चर को सुन सकते हैं। इस तरह आप पढ़ाई के लिए उपलब्ध समय में बढ़ोतरी कर सकते हैं।  

बढ़ता है रिटेंशन: ऑडिटिरी लर्निंग का समर्थन करने वालों ने यह देखने के लिए कई अध्ययन किए हैं कि ऑडियो के माध्यम से सीखना कितना प्रभावी हो सकता है। इन अध्ययनों के प्रमुख निष्कर्षों में से एक यह रहा है कि ऑडियो के माध्यम से सीखने से अच्छा रिटेंशन होता है। कई बार ऑडियो लेक्चर और नोट्स का उपयोग करके, छात्र पारंपरिक तरीकों की तुलना में कम से कम समान का इस्तेमाल करके अधिक से अधिक लर्न और रिवाइज करने में सक्षम हैं।

जीरों डिस्ट्रैक्शन

महामारी के दौरान, विजुअल लर्निंग यानी वीडियो लेक्चर और एनिमेटेड लर्निंग सॉल्यूशंस काफी लोकप्रिय हुए थे। लेकिन इन समाधानों के इर्द-गिर्द किए गए कुछ अध्ययनों में पाया गया कि पढ़ने वाले छात्र विजुअल एलिमेंट्स से अधिक विचलित हुए और इसलिए वे तथ्यात्मक घटनाओं या जानकारी पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ रहे, जिन पर चर्चा की जा रही थी। यहां ऑडियो के माध्यम से सीखने की विधि ने असाधारण परिणाम दिखाए। इससे छात्र हर शब्द को समझने और उनके साथ साझा की जा रही जानकारी को अच्छी तरह से प्राप्त करने में सक्षम हुए।

ऑडियो लर्निंग की उपलब्धता

ऑडिटिरी लर्निंग (Auditory Learning) की शैली का अंतिम और वास्तव में सबसे प्रासंगिक लाभ अध्ययन सामग्री की उपलब्धता है। महामारी ने शिक्षकों और छात्रों को निरंतर सीखने को सुनिश्चित करने के लिए कई तरह के नए समाधानों को जन्म दिया। इस प्रयोग ने ऑडियो सीखने की सामग्री की एक व्यापक पुस्तकालय के निर्माण में मदद की, जिसका उपयोग छात्रों और प्रतियोगी परीक्षा के एस्पिरेंट्स द्वारा अपनी परीक्षा के लिए सीखने और तैयार करने के लिए किया जा सकता है। इस सामग्री का अधिकांश भाग अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर या तो मुफ्त में या पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत मामूली कीमत पर उपलब्ध है।

आप यहां से शुरू कर सकते हैं?

यदि आप ऑडिटिरी लर्निंग (Auditory Learning) के लिए नए हैं, तो आप निश्चित रूप से ऑडियो के माध्यम से सीखने को एक मौका देने में रुचि लेंगे और यह देखने की कोशिश करेंगे कि यह आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप है या नहीं। ऑडिटिरी लर्निंग को  छात्रों और विशेष रूप से प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं के एस्पिरेंट्स ने तेजी से अपनाया है। ऑडियो फर्स्ट लर्निंग सॉल्यूशन – Khabri.App जैसे उभरता हुए प्लेटफॉर्म ने कई एस्पिरेंट्स को ऑडियो बेस्ड लर्निंग का पता लगाने और अपनाने में मदद की है। खबरी ऐप के यूजर्स अपने खाली समय को बेहतर लर्निंग के अनुभव में बदलने में सक्षम हैं और एक प्रभावी और संरचित तरीके से दूर से ही सही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी है।

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