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रिपोर्ट – अभिषेक रंजन
मुजफ्फरपुर. 19 वर्षों के बाद एक बार फिर 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के साथ सरस्वती पूजा भी मनाई जाएगी. इससे पहले वर्ष 2004, वर्ष 1985 और वर्ष 1966 में भी दोनों महापर्व एक साथ मनाए गए थे. दोनों महापर्व एक ही दिन आयोजित होने का असर सरस्वती पूजा पर इस बार देखने को मिल रहा है. इसे लेकर मूर्तिकारों ने शानदार प्रयोग किया है. मां सरस्वती की प्रतिमा को तिरंगे के रंग की साड़ी पहनाई गई है. बाजार में मिलने वाली प्रतिमा में इस बार तिरंगा रंग की साड़ी पहने प्रतिमा का जबरदस्त क्रेज दिख रहा है. अधिकांश युवा इसी तरह की प्रतिमा का आर्डर दे रहे हैं.
25 वर्षों से बना रहे प्रतिमा
मुजफ्फरपुर के हरीसभा चौक स्थित जनता मूर्ति स्टोर ने सरस्वती पूजा की विशेष तैयारी की है. जनता मूर्ति स्टोर ने इस बार तिरंगा वाली मूर्ति बनायी है. जनता मूर्ति स्टोर के मूर्तिकार श्याम कुमार बताते हैं कि वह तकरीबन 25 वर्षों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. मूर्ति बनाने की कला उन्होंने अपने पिता नुन्नु लाल पंडित से सीखी. इस बार गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी एक ही दिन होने के कारण मां सरस्वती में मां भारती के रूप को दिखाने का प्रयास किया गया है. युवा मूर्तिकार आदित्य कुमार ने बताया कि मां सरस्वती की तिरंगा की तरह दिखने वाली मूर्ति बनाने का आईडिया गणतंत्र दिवस की वजह से ही आया. आदित्य बताते हैं कि गणतंत्र दिवस को सरस्वती पूजा भी है, इस कारण इस बार तिरंगा साड़ी वाली प्रतिमा की अधिक डिमांड है.
25000 रुपए तक की है मां सरस्वती की प्रतिमा
आदित्य बताते हैं कि हरिसभा चौक स्थित उनके स्टोर पर 50 रुपए से लेकर 10 हजार तक की मूर्ति उपलब्ध है. साथ ही स्टॉक की कोई कमी नहीं है. आदित्य कुमार ने बताया कि तिरंगा मूर्ति के अलावा सामान्य ट्रेंड वाली मूर्तियां भी हैं, जो हर वर्ष बनाई जाती है. ऐसी मूर्तियों की कीमत भी 100 से लेकर 25 हजार रुपए तक है. मुजफ्फरपुर का जनता मूर्ति स्टोर एक चर्चित दुकान है, जहां सरस्वती पूजा आने के 2 महीने पहले से मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने में जुट जाते हैं.
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पहले प्रकाशित : 25 जनवरी, 2023, 15:41 IST
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