Home Muzaffarpur Ramzan Special Tea: रोजेदारों की जान है शीर चाय, मुजफ्फरपुर में यहां मिलता है ताकत से भरपूर जायका

Ramzan Special Tea: रोजेदारों की जान है शीर चाय, मुजफ्फरपुर में यहां मिलता है ताकत से भरपूर जायका

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Ramzan Special Tea: रोजेदारों की जान है शीर चाय, मुजफ्फरपुर में यहां मिलता है ताकत से भरपूर जायका

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रिपोर्ट – अभिषेक रंजन


मुजफ्फरपुर. बिहार में चाय के दीवानों की कमी नहीं है. यही कारण है कि अलग-अलग फ्लेवर की चाय दुकानों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. रमजान के दौरान रोजेदारों को शीर चाय बेहद पसंद आती है, जिसे बनाने में ही कई घंटे लगते हैं. इफ्तार के बाद मुजफ्फरपुर में सैकड़ों लोग पक्की सराय के अकबर होटल पर जमा होते हैं और शीर चाय के लिए लगातार भीड़ लगी रहती है. यह चाय आम तौर से बनने वाली चाय से अलग स्वाद रखती है. मो. शमीम की मानें तो रमजान के दिनों में रोजाना 60 लीटर दूध की खपत इस चाय को तैयार करने के लिए हो रही है.

शमीम बताते हैं कि इस दुकान पर तकरीबन 15 साल से वो शीर चाय बेच रहे हैं. इस चाय में फुल क्रीम दूध, काजू, अखरोट, जाफरान, गुलाब की पंखुरी, पोस्त दाना, इलाइची और स्पेशल चाय की पत्ती डाली जाती है. आगे शमीम बताते हैं कि इसमें मिलाए जाने वाली चायपत्ती बेहद खास होती है. सिर्फ शीर चाय बनाने के लिए ही यह चाय पत्ती होती है. असल में, यह वही चाय है जिसे कश्मीरी चाय या गुलाबी चाय भी कहा जाता है.

10 रुपए प्रति कप है चाय

शीर चाय की दुकान पर चाय पीने आए मो. असगर बताते हैं वे चार साल से शीर चाय पीने यहां आते हैं. यहां चाय की चुस्की बेहद टेस्टी होती है. 10 रुपए प्रति कप के हिसाब से चाय मिलती है. इस हिसाब से यह चाय बेहद कम दाम में मिलती है. चाय पीने पहुंचे एक अन्य ग्राहक ने बताया कि वह 4 किलोमीटर दूर से यहां आते हैं. नमाज पढ़ने के बाद सीधे अकबर होटल पर शीर चाय पीने आते हैं. यह सिलसिला रमजान के पूरे माह चलता है.

मुश्किल है शीर चाय की रेसिपी

शीर चाय बनाने वालों की मानें तो खास कश्मीरी पत्ती को पानी में तीन घंटे तक उबाला जाता है. यह हरे रंग की खास चाय पत्ती होती है. फिर बिना छाने इसे लस्सी की तरह एक घंटे तक फेंटना होता है, जिससे बाद में चाय में गुलाबी रंग आता है. फेंटने के बाद इसे छानकर चूल्हे पर रखते हैं, जब यह खौले तब इसमें ड्राय फ्रूट्स पोस्तादाना, बड़ी इलायची, केसर और गुलाब पत्ती आदि डाली जाती है. फिर तीन घंटे और पकाया जाता है. इसके बाद इसमें चाय की तरह चीनी, दूध आदि डालकर तैयार किया जाता है.

टैग: Muzaffarpur news, रमजान, सड़क का भोजन

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