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देशभर के महानगरों में शाही लीची की भारी डिमांड
मुजफ्फरपुर की शाही लीची को जीआई टैगिंग प्राप्त है। उम्मीद की जा रही है कि इस साल मई के दूसरे सप्ताह में मुजफ्फरपुर की शाही लीची बाजार में जाएगी। इसके बाद ट्रेन से दूसरे राज्यों में मुजफ्फरपुर की शाही लीची की खेप पहुंचाई जाएगी। मुजफ्फरपुर के किसान दूसरे राज्यों में लीची भेजने की तैयारी करने में जुट गए हैं। यहां के किसान अब पटना, दरभंगा एयरपोर्ट से भी लीची की खेप भेजने के लिए बुकिंग शुरू कर चुके हैं। ट्रेन से भी दूसरे राज्यों में लीची की खेप भेजने के लिए बुकिंग शुरू हो गई है।
अनुकूल मौसम नहीं मिलने से लीची की पैदावार प्रभावित
किसान बताते हैं कि इस सीजन में चाइना लीची का उत्पादन 60 फीसदी कम होने का अनुमान है। इस साल कीड़े के प्रभाव के चलते चाइना लीची के पेड़ों में कम मंजर आए हैं। चाइना लीची का उत्पादन कम होने की संभावना के चलते किसान चिंतित हैं।
किसानों ने बताया कि शाही लीची की फसल भी इतनी अच्छी नहीं है। उम्मीद है कि पिछले साल के अपेक्षा शाही लीची की पैदावार इस साल 20 फीसदी कम होगी। इस वजह से लीची के किसानों में थोड़ी मायूसी है।
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गुद्देदार और मिठास का बादशाह होता है शाही लीची
मुजफ्फरपुर की शाही लीची की मिठास अलग होती है। मुजफ्फरपुर की शाही लीची की मिठास और कहीं नहीं मिलती है। शाही लीची की मिठास के साथ-साथ अपनी कुछ उन्नत परभेद के कारण सबसे अलग होती है। शाही लीची दूसरी वेराइट की तुलना में काफी गुद्देदार होता है। ऐसा स्वाद दूसरे परभेद नहीं मिलता है। इस कारण दूसरे राज्यों में अत्यधिक डिमांड रहता है। मुजफ्फरपुर की शाही लीची और चाइना लीची की मांग ज्यादा रहता है।
लीची की तीन नये प्रजातियों के आने से इस फल की उपलब्धता जुलाई तक रहने की उम्मीद है। चाइना लीची 15 मई से 15 जून तक उपलब्ध हो पाता था, लेकिन अब और तीन प्रजातियों के कारण 15 दिन पहले लीची बाजार में उपलब्ध हो जाता है। नई परभेद की लीची का वजन 40 ग्राम होता है। एक पेड़ में 120 ग्राम से 140 किलोग्राम उपज देता है। इसका फल सफेद और खाने में काफी गुद्देदार होता है।
रिपोर्ट: के रघुनाथ
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