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रिपोर्ट – अभिषेक रंजन
मुजफ्फरपुर. खट्टा और चटपटा स्वाद वाला आलू- कचालू बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की पसंद है. इसी आलू कचालू को बनाने के पेशे में 40 साल से जुड़े हैं आमगोला पड़ाव पोखर निवासी रामजीवन साह. रामजीवन ने जब आलू कचालू के रेडी की शुरुआत की थी तब इसकी कीमत उस समय 25 पैसे प्रति प्लेट थी. बदलते समय और महंगाई के साथ आलू कचालू का रेट भी बढ़ता चला गया. 40 साल बाद आज ये 20 प्रति प्लेट बिक रहा है.
कोलकाता से सीखकर आए थे रामजीवन
रामजीवन बताते हैं कि वह कोलकाता से आलू कचालू बनाना सीख कर आए थे. तब से आज तक देवी मंदिर रोड में राधा कृष्ण मंदिर के पास आलू कचालू की रेडी लगाते हैं. इसके साथ ही रामजीवन चना की घूघनी और मूढ़ी भी लोगों को खिलाते हैं. 82 वर्षीय बुजुर्ग की दुकान पर सुबह से दोपहर तक भीड़ लगी रहती है. आलू कचालू खाने वाले ग्राहकों में सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे होते हैं. स्कूली बच्चों के लिए चटर-पटर स्वाद का यह नामी अड्डा है.
अब कम जगहों पर मिलता है आलू कचालू
रामजीवन बताते हैं किउबले आलू की कटिंग में खट्टी इमली का पानी, काला नमक, काली मिर्च का पाउडर और अन्य कई मसाले मिलाकर इसे तैयार किया जाता है. वे कहते हैं कि आलू कचालू आज के दिनों में बेहद कम जगहों पर ही मिल रही है. ऐसे में मुजफ्फरपुर शहर में उनकी एकमात्र दुकान है, जो लोगों को आज भी आलू कचालू का स्वाद चखा रही है. साथ ही मूढ़ी और चना का घुघनी लोगों के पसंदीदा नाश्ता में से एक है. दोनों की कीमत 20 रुपए प्रति प्लेट है.
मुजफ्फरपुर के इस आलू कचालू के रेड़ी की फूड ब्लॉग दिल्ली के मशहूर फूड ब्लॉगर ने भी बनाया है. स्कूली बच्चों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय यह आलू कचालू की दुकान लोगों की जुबान पर अब भी है.
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पहले प्रकाशित : 10 फरवरी, 2023, 18:47 IST
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