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अभिषेक रंजन/ मुजफ्फरपुर. जिलेके औराई में स्थित बाबा आनंद भैरव का मंदिर पूरे बिहार में चर्चित है. कहा जाता है कि पूरे बिहार में चार प्रमुख धाम हैं, जिसमें मधेपुरा जिला का सिंहेश्वर स्थान, मधुबनी जिला का कपिलेश्वर स्थान, दरभंगा जिला के कुशेश्वर स्थान और मुजफ्फरपुर जिला का यही भैरव स्थान शामिल है. मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड अंतर्गत औराई बाजार में ही है भैरव स्थान मंदिर है. मंदिर के पुजारी सुधीर पंडा बताते हैं कि यहां बाबा भैरवनाथ जो महादेव के ही एक रूप हैं, स्वयं प्रकट हुए थे. इस मंदिर का जिक्र रामायण काल में भी है. बताया जाता है कि राजा जनक के भाई महाराज कुशध्वज बाबा भैरवनाथ के अनन्य भक्त थे. इसलिए इस मंदिर को बाबा भैरव नाथ या कुशध्वज धाम भी कहा जाता है. महादेव के भैरव रूप में इस मंदिर में पूजा होती है.
मंदिर के चबूतरे पर रखी है खंडित मूर्तियां
पुजारी सुदीप पंडा बताते हैं कि जब भारत में मुगल का आक्रमण हुआ था, उस दौरान औरंगजेब ने इस मंदिर पर भी हमला किया था. हमला के वक्त बाबा विलीन हो गए, तब औरंगजेब के सैनिकों ने मंदिर में मौजूद अन्य मूर्तियों को खंडित कर दिया. सुधीर पंडा बताते हैं मंदिर के चबूतरे पर आज भी वह मूर्तियां रखी हैं. मंदिर के चबूतरा पर बिना सर के नंदी की प्रतिमा के साथ-साथ खंडित शिवलिंग भी रखा हुआ है. वे बताते हैं कि आक्रमण के दौरान विलीन हुए बाबा भैरवनाथ का मुख्य शिवलिंग कुछ समय के बाद दोबारा फिर उसी क्षेत्र में अंकुरित हुआ.
रविवार को होती है विशेष भीड़
सुधीर पंडा ने बताया कि बाबा भैरव स्थान में दर्शन के लिए पूरे बिहार से लोग तो आते ही हैं, साथ ही अन्य राज्यों से भी लोग आते हैं. यहां रविवार को विशेष भीड़ रहती है. बाबा की पूजा के लिए भक्तों की लंबी कतार लगती है. वे कहते हैं कि बाबा भैरवनाथ सभी मनोकामना को पूरी करने वाले हैं. अलग रसोई में बाबा का भोग तैयार होता है.
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पहले प्रकाशित : मई 07, 2023, 18:47 IST
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