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रिपोर्ट – अभिषेक रंजन
मुजफ्फरपुर. आमतौर पर युवाओं का रुझान नौकरी और बिजनेस की ओर होता है. ऐसे में अगर कोई युवा नौकरी छोड़ कर खेती किसानी को मकसद बना ले तो वह समाज के लिए नजीर बन जाता है. मुजफ्फरपुर के रेवा रोड स्थित भटौलिया निवासी अविनाश कुमार की कहानी भी कुछ ऐसी ही है.
खेती किसानी करने वाले अविनाश कुमार मुजफ्फरपुर बॉटेनिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट नाम की संस्था चलाते हैं. इस संस्था का उद्देश्य किसानों को खेती-किसानी के बारे में समझाना और उसका हल निकलवाना है. इसी उद्देश्य के साथ अविनाश कुमार हर साल बिहार कृषि महोत्सव का आयोजन भी करते हैं.
तुलसी और सरसों से तैयार किया शहद
इस क्षेत्र में आने के बाद पिछले 11 वर्षों से अविनाश भटौलिया गांव में बिहार कृषि महोत्सव का आयोजन करवा रहे हैं. इस बार भी महोत्सव का आयोजन किया है. आयोजित कृषि महोत्सव में कई तरह के स्टॉल लगाए गए हैं. जिसके माध्यम से किसानों को खेती-किसानी के नए तरीके बताए जा रहे हैं. तुलसी और सरसों से तैयार शहद का लक्ष्मीपुर अरार की महिलाओं ने स्टॉल लगाया.
‘किसानी में भी मिली सफलता’
बिहार कृषि महोत्सव में पहुंचे राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति गोपाल जी त्रिवेदी ने बताया कि अविनाश जैसे युवक ने नौकरी छोड़ कर खेती किसानी को उद्देश्य बनाया और सफलता भी हासिल की. बिहार कृषि महोत्सव ऐसे ही किसानों की खेती और किसानी का जश्न है.
अविनाश कुमार बताते हैं कि बिहार कृषि महोत्सव का उद्देश्य बिहार में खेती-किसानी से जुड़े लोगों को खेती किसानी का उत्सव बनाने का है. अविनाश ने बताया कि होली नजदीक है. इसलिए बिहार कृषि महोत्सव में खेती किसानी का उत्सव मनाने के लिए फगुआ गीत और संगीत का भी कार्यक्रम किया गया है.
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पहले प्रकाशित : 27 फरवरी, 2023, 17:46 IST
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