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आंख में दवा डलते ही जोर-जोर से चिल्लाने लगा बच्चा
घटना को लेकर पीड़ित बच्चे के पिता गौरा गांव निवासी अरुण भगत ने बताया कि शनिवार को अपने दस वर्षीय पुत्र आदर्श कुमार को सीएचसी लेकर पहुंचा था। उसकी आंखों में दर्द की समस्या थी। पारू सीएचसी में डॉक्टर ने बच्चे को देखा और पर्चा पर दवा लिख दिया। वहां से दवा काउंटर पर बेटे को लेकर पहुंचा। काउंटर पर एक कर्मी दवा बांट रहा था। उसने पर्चा देखकर दवा निकाली और आंख में डाल दी। दवा जैसे ही आंख में डली आदर्श जलन व दर्द की शिकायत करने लगा। जबतक कुछ समझते वह जोर-जोर से चिल्लने लगा।
स्वास्थ्य कर्मी काउंटर छोड़कर फरार
इसके बाद पिता फिर से बच्चे को लेकर दवा लिखने वाले डॉक्टर के पास भागकर पहुंचा। वहां डॉक्टर ने दवा व बच्चे की आंख देखी। उन्होंने बताया कि यह खुजली की दवा आंख में डाल दिए जाने से परेशानी हुई है। यह सुनते ही दवा देने वाला स्वास्थ्य कर्मी काउंटर से फरार हो गया। डॉक्टर ने बच्चे को सदर अस्पताल रेफर कर दिया है।
मामले में जांच के आदेश: सिविल सर्जन
वहीं अस्पताल की लापरवाही पर सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र कुमार ने बताया कि आंख की दवा की जगह दूसरी दवा डाल दी गई, यह लापरवाही का मामला है। इसलिए पारू मेडिकल इंचार्ज को पत्र लिखकर जांच के आदेश दिए हैं, और कहा है कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए। इस तरह की लापरवाही से आंख तक जा सकती है।
सांकेतिक तस्वीर
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