
[ad_1]
Bihar News : अगर आपको लीची पसंद है तो ये खबर आपके लिए है। इस बार लीची खाने के लिए आपको और इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार में लीची की पैदावार को लेकर जैसा मौसम होना चाहिए अभी वो स्थिति नहीं बनी है। खास तौर से मुजफ्फरपुर में हालात बिल्कुल जुदा है।

लीची के उत्पादन में मौसम का असर
बताया जा रहा कि ठंड, तापमान में उतार-चढ़ाव और लगातार पछुआ हवा ने मंजर को समय से निकलने नहीं दिया। मुजफ्फरपुर स्थित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक एसडी पांडेय ने कहा कि लीची में मंजर आने के लिए मौसम में तापमान की भूमिका प्रमुख होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी ऊंचे स्थानों पर लगे लीची के पेड़ों में मंजर आने लगे हैं, लेकिन नीचे के क्षेत्रों में लगे लीची के पेड़ों में अभी मंजर नहीं आए हैं।
अभी तक अधिकांश पेड़ों में नहीं आए हैं मंजर
एसडी पांडेय ने कहा कि लीची की जड़ों में अभी नमी की मात्रा बनी है, जिस कारण मंजर आने में थोड़ी देरी हुई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इससे लीची के पैदावार या समय पर लीची की तुड़ाई नहीं होने की आशंका व्यक्त करना अभी जल्दबाजी होगी। इधर, कहा जाता है कि लीची की फसल के लिए मध्य दिसंबर में न्यूनतम तापमान 15 और अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस होना काफी फायदेमंद है। इस बार न्यूनतम तापमान 5 और अधिकतम तापमान 20 से 23 डिग्री सेल्सियस रहा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मुजफ्फरपुर स्थित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक ने कहा कि जनवरी में मंजर निकलने के समय न्यूनतम तापमान 15 और अधिकतम 25 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। हालांकि, अभी तक न्यूनतम तापमान औसतन सात रहा और अधिकतम 20 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं गया। कहा जा रहा है कि तापमान में उतार चढ़ाव के कारण लीची में इस साल मंजर आने में देरी हो रही है।
आसपास के शहरों की खबरें
नवभारत टाइम्स न्यूज ऐप: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
[ad_2]
Source link