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विक्रांत किशोर ने मुंबई पुलिस पर केस को रफा-दफा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘अक्षत की डेड बॉडी लाने मैं गया था लेकिन पुलिस ने मेरा बयान लेना उचित नहीं समझा और वापस चली गई। इसीलिए मैंने विरोध किया।’ विक्रांत किशोर ने दावा किया कि अक्षत की लंबाई 6 फीट थी और कमरे की ऊंचाई मात्र 9 फीट। ऐसे में अक्षत की खुदकुशी की बात सही नहीं लगती। मुंबई पुलिस हत्या के इस केस में आरोपी बनाई गई स्नेहा की गिरफ्तारी भी नहीं कर रही है। मामले में अभियुक्त बनाई गई स्नेहा चौहान मृतक की रूम पार्टनर थी और लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए दोनों बॉलीवुड में स्ट्रगल कर रहे थे। विक्रांत ने मुंबई पुलिस पर स्नेहा से मिलीभगत का आरोप लगाया।
मीडिया से बातचीत में विक्रांत ने कहा कि 27 सितंबर की रात को करीब 9:00 बजे अक्षत से आखिरी बार बातचीत हुई थी। उसने बताया था कि कुछ लोग आए हुए हैं बाद में बात करेंगे। लेकिन उनका कॉल नहीं आया। 9:30 बजे के बाद अक्षत का व्हाट्सएप भी बंद हो गया और मोबाइल का कॉलर ट्यून बदल गया। करीब 11:30 बजे रात में रूम पार्टनर स्नेहा चौहान ने उत्कर्ष के मामा को कॉल कर आत्महत्या की सूचना दी थी ।
मुंबई पहुंच कर क्राइम सीन देखने के बाद पुलिस को हत्या का केस दर्ज करने के लिए कहा गया। लेकिन मुंबई पुलिस ने उन्हें दरकिनार कर दिया।
इस मामले में बिहार पुलिस की पहल पर मुजफ्फरपुर नगर थाने में मर्डर केस में सिर्फ आई आर दर्ज किया गया था। केस दर्ज करने के बाद छानबीन के लिए मुंबई पुलिस को भेज दिया गया। मामला सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग में जाने के बाद मुंबई पुलिस मुजफ्फरपुर पहुंची है। इस बीच अक्षत उत्कर्ष की मौत के बाद करीब डेढ़ साल का समय बीत चुका है।
वहीं, इस मामले को मानवाधिकार तक पहुंचाने वाले अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि आने वाले वक्त में इस मामले में मुंबई पुलिस के तमाम बड़े अधिकारियों को मुजफ्फरपुर आना होगा और अक्षत को न्याय दिलाना होगा।
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