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इस कदम के पीछे उद्देश्य यही है कि अलग-अलग कंपनियों को मुजफ्फरपुर के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की NOC ऑनलाइन ही मिल सके। वहीं इस मामले में अब मुजफ्फरपुर के डीएम प्रणव कुमार ने भी तुरंत कदम उठाते हुए चार अधिकारियों की टीम बनाई है। इसमें SSP जयंतकांत, ADM राजस्व राजेश कुमार, ADM आपदा डॉ. अजय कुमार और SDM पश्चिमी को शामिल किया गया है। इनसे पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।
एविएशन मिनिस्ट्री ने जिला प्रशासन से मांगी रिपोर्ट
दरअसल, 2017 से पहले पताही हवाईअड्डे के लिए 475 एकड़ जमीन को लेकर जिला भू अर्जन अधिकारी से एस्टिमेट तैयार कराया गया था। इस दौरान एयरपोर्ट पर रनवे को उत्तर दिशा की तरफ रखने का प्लान दिया गया था। साथ ही सर्किल रेट के हिसाब से करीब 70 अरब रुपये खर्च होने का भी अनुमान जताया गया था। हालांकि, इसके बाद जमीन उपलब्धता वाली फाइल बंद हो गई थी। जिसके चलते मामला अटका रहा। हालांकि, अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद जिला प्रशासन ने भी तेजी दिखाई है।
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DM ने गठित की टीम, हवाई सेवा शुरू होने से होगा फायदा
इस कदम के जरिए घरेलू हवाई सेवा के लिए चुने गए 40 जिलों का अपना नेटवर्क बनाने की कवायद की जा रही। जिससे इन जिलों में लोग हवाई सेवा का फायदा उठा सकें। खास तौर से ये कदम उन इलाकों में उठाया जा रहा जहां फ्लाइट सर्विस शुरू नहीं हो रही। इन्ही सेंटर्स को हेलीकॉप्टर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा। पताही एयरपोर्ट शुरू होने से देश के किसी भी हिस्से से लोग हेलीकॉप्टर के जरिए मुजफ्फरपुर आ सकेंगे। यहां से दूसरे इलाकों के लिए उड़ान भी भर सकेंगे।
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