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बिहार सरकार के राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने दी सफाई। उन्होंने कहा कि मीडिया ने मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया। मेरी मंशा किसी जाति को लेकर नहीं, मैने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर टिपण्णी की थी। भागलपुर में दिए बयान पर मुजफ्फरपुर सर्किट हाउस से सफाई आई।
स्वर्गीय जगदेव प्रसाद के शहादत शताब्दी समारोह कार्यक्रम को लेकर राजद कोटे से बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता आजकल पूरे बिहार का दौरा कर रहे हैं। उनके बयान भी आजकल चर्चा में हैं।
सौ में नब्बे शोषित है, दस के हाथ में सत्ता है। यही नारा जगदेव बाबू ने दिया था। उस वक्त नब्बे कौन थे? नब्बे हमलोग थे और दस अंग्रेज थे। जब अंग्रेज चले गए तब उनके पिट्ठू यहां रह गए, जो कमजोरों पर राज करते थे, ये एक स्वाभाविक लड़ाई है। ब्राह्मणवादी व्यवस्था के खिलाफ तो बड़े-बड़े नेता रहे हैं, जिनमें मधु लिमए थे। डॉक्टर लोहिया थे और वीपी सिंह थे। वी पी सिंह ने तो मंडल कमीशन लागू किया था।
मगरर कुछ मीडिया हाउस जिनपर उनलोगों ने कब्जा कर रखा है, उन लोगों ने मेरी बातों को गलत ढंग से पेश किया। मैं इससे काफी मर्माहत हूं और मेरे चरित्र पर जो इस तरह कीचड़ उछालने की कोशिश हुई है, उसकी मैं तीखी भर्त्सना करता हूं।
रिपोर्ट- संदीप कुमार
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