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अभिषेक रंजन/मुजफ्फरपुर. भगवान श्री नारायण सभी कष्टों को दूर करने वाला कहा जाता है. कहते हैं कि श्रीविष्णु की पूजा से मनुष्य के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है. मुजफ्फरपुर के चतुर्भुज स्थान रोड में भी एक ऐसा मंदिर है, जिसकी पौराणिकता बेहद प्राचीन है. इस मंदिर के संदर्भ में कहा जाता है कि जो लोग किन्हीं कारणों से तिरुपति बालाजी का दर्शन नहीं कर पाते हैं, उन्हें इस मंदिर के दर्शन मात्र से तिरुपति के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है. इस मंदिर की प्रतिमा भी ठीक वैसी ही है जैसे तिरुपति बालाजी के मंदिर में है. बस एक अंतर है. तिरुपति बालाजी मंदिर की प्रतिमा का आकार थोड़ा बड़ा है, तो यहां की प्रतिमा का आकार थोड़ा छोटा है. हालांकि प्रतिमा का रूप बिल्कुल तिरुपति बालाजी जैसा है.
महंत पंडित नवल मिश्र बताते हैं कि यह मंदिर बेहद प्राचीन है. इस मंदिर के संदर्भ में कहा जाता है कि इसका निर्माण संवत 1354 में हुआ था. इस मंदिर में विराजमान भगवान चतुर्भुज नारायण की जो प्रतिमा है, वह सैकड़ों वर्ष पहले मुजफ्फरपुर के ही तुर्की में खुदाई के दौरान मिली थी. जिसका सपना मंदिर के प्रथम महंत को आया था. बाद में तुर्की से इस प्रतिमा को लाकर चतुर्भुज स्थान रोड में स्थापित किया गया.
तिरूपति दर्शन के समान मिलता है फल
महंत नवल मिश्र बताते हैं कि शालिग्राम पत्थर से बनी भगवान विष्णु की यह प्रतिमा सभी मनोकामना पूरी करने वाली हैं. उन्होंने बताया कि भगवान चतुर्भुज भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. वे बताते हैं कि जो लोग किन्ही कारणों से तिरुपति जाकर दर्शन नहीं कर पाते हैं, उनके लिए चतुर्भुज मंदिर भी वैसा ही फलदायक है.पंडित नवल किशोर मिश्रा ने बताया मंदिर की भव्यता और प्राचीनता बेहद खास है. साथ ही इस मंदिर में महंतों की समाधि के बनाने की भी परंपरा है. देहत्याग के बाद मंदिर परिसर में ही महंतों की समाधि बनाई जाती है. तक इस मंदिर में 14 महंतों की समाधि बनी हुई है.
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पहले प्रकाशित : 24 अप्रैल, 2023, 08:29 पूर्वाह्न IST
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