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अभिषेक रंजन
मुजफ्फरपुर. लंका पर चढ़ाई के लिए रामेश्वरम में जिस रामसेतु का वर्णन रामायण में है, उस सेतु की सबसे बड़ी खासियत है कि वो पानी में डूबता नहीं था. सभी पत्थर समुंदर में तैरते हैं. अगर आप रामेश्वरम के उस पवित्र पत्थर का दर्शन करना चाहते हैं, तो बिहार के मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ मंदिर आ सकते हैं. यहां श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए गर्भगृह के मुहाने पर जय श्रीराम लिखा तैरता हुआ पत्थर पानी के एक्वेरियम में रखा गया है. इस पत्थर को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.
बाबा गरीबनाथ धाम के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक ने न्यूज़ 18 लोकल से बताया कि गरीबनाथ धाम प्रांगण में रामेश्वरम के श्रीराम सेतु से लाया गया पत्थर भक्तों के दर्शन के लिए रखा गया है. उन्होंने बताया कि उनके भतीजा पंडित अमरनाथ पाठक कुछ वर्ष पूर्व रामेश्वरम गये थे. वहां से वो रामसेतु से जय श्रीराम लिखा हुआ तैरता पत्थर लेकर आए थे. पहले यह पत्थर रखा हुआ था, जिसको अब भक्तों के दर्शन के लिए एक्वेरियम में रखा गया है.
पंडित विनय पाठक ने कहा कि यह पत्थर प्रभु श्रीराम के दर्शन का स्वरूप है. मंदिर प्रांगण में आने वाले श्रद्धालु तैरते हुए पत्थर का दर्शन कर भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
रामायण में वर्णित है प्रसंग
उन्होंने यह भी कहा कि रामायण में श्रीराम सेतु प्रसंग में रामेश्वरम में रामसेतु पत्थर से सेतु बांधने का प्रसंग वर्णित है. इसमें बताया गया है कि लंका पर चढ़ाई के लिए भगवान राम ने वानर सेना के साथ राम-राम लिखे पत्थर से समंदर में रामसेतु का निर्माण कराया था.
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पहले प्रकाशित : 09 मार्च, 2023, 15:53 IST
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