Home Muzaffarpur 20 साल से अपने स्वाद से मुजफ्फरपुर वासियों को बना रखा दीवाना, गोल-गप्पे खाने दुकान पर जुटती है भीड़

20 साल से अपने स्वाद से मुजफ्फरपुर वासियों को बना रखा दीवाना, गोल-गप्पे खाने दुकान पर जुटती है भीड़

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20 साल से अपने स्वाद से मुजफ्फरपुर वासियों को बना रखा दीवाना, गोल-गप्पे खाने दुकान पर जुटती है भीड़

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रिपोर्ट-अभिषेक रंजन


मुजफ्फरपुर. गोलगप्पा और दहीपुरी का नाम लेते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. खासतौर से बच्चों और महिलाओं को तो गोलगप्पा खाना बहुत पसंद है. तो चलिए आज हम आपको शहर के ऐसे ही एक गोलगप्पा स्टॉल के बारे में बताते हैं, जहां शाम होते ही लोग गोलगप्पा और दहीपुरीखाने के लिए पहुंचने लगते हैं. दरअसल,मुजफ्फरपुर के अघोरिया बाजार रोड के श्याम सुंदर अपने दहीपुरी और गोलगप्पा के लिए पूरे शहर में मशहूर हैं. शाम के चार बचते ही गोलगप्पा और दहीपुरी के शौकीन लोगों की भीड़ उनके स्टॉल पर शुरू हो जाती है.

20 साल से लगाते हैं स्टॉल

श्याम सुंदर बताते हैं वे कई तरह के फ्लेवर में पानीपूरी खिलाने के साथ स्पेशल चटनी के साथ दहीपुरी खिलाते हैं.श्याम सुंदर की माने तो वे पिछले 20 साल से शहर में गोलगप्पा और दहीपुरी का स्टॉल स्टॉल लगाते हैं. उन्होंने बताया कि वे पहले कोलकाता में पानीपुरी का स्टॉल लगाते थे.

वहां से इसे बनाने की कारीगरी को बढ़िया से सीखने के बाद अपने शहरमुजफ्फरपुर चले आए और यहां इसकीशुरुआत की. उन्होंने बताया कि युवाओं का अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा तो कई तरह के मेन्यू को बढ़ाते चले गए. इसमें बटाटापुरी और दहीपुरी को भी शामिल कर दिया गया. इसका भी लोगों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला.

सोशल मीडिया पर भी हो चुके हैं फेमस

श्याम सुंदर का पानीपुरी सोशल मीडिया पर भी बहुत प्रसिद्ध है. कई ब्लॉगर ने श्याम सुंदर का वीडियो बनाया है, जो सोशल मीडिया पर बहुत प्रसिद्ध है. इसके अलावा श्याम सुंदर के यहां गोलगप्पा और पानीपुरी खाने आने वाले लोग भी सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करते रहते हैं. श्याम सुंदर बताते हैं कि वे क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करते हैं. साथ ही उनके द्वारा बनाया गया दही पुरी और बटाटापुरी का स्वाद चटपटा होने के साथ ही बेहद लाजवाब है.

शुगर फ्री पानीपूरी है खासियत

श्याम सुंदर बताते हैं कि डायबिटीज से पीड़ितों के लिए उनके स्टॉल पर शुगर फ्री पानीपुरी उपलब्ध है. इनके लिए मटर और चना डालकर पानीपुरी परोसा जाता है. जबकि बड़ी संख्या में बुजुर्ग भी बिना आलू वाला पानीपुरी खाने पहुंचते हैं.

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