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महारष्ट्र के नासिक मे हादसे की शिकार बनी लोकमान्य तिलक-जयनगर पवन एक्सप्रेस करीब 11 घंटे लेट मुज़फ़्फ़रपुर जंक्शन पहुंची। यह सोमवार को आने वाली थी। लेकिन, हादसे के बाद यह लेट हो गई और सोमवार के जगह मंगलवार को करीब 11 घंटे लेट मुज़फ़्फ़रपुर पहुंची।
एक दिन अधिक सफर होने की वजह से बड़ी संख्या में यात्रियों का फोन स्विच ऑफ हो गया। इससे परिजनों की सांस फिर से अटक गयी। करीब एक सौ यात्रियों के साथ यही हाल था। स्लीपर बोगी का चार्जिंग प्वाइंट काम नहीं कर रहा था।
कुछ यात्रियों के पास चार्जिंग प्वाइंट था। सोमवार की दोपहर तक फोन चालू हालत में रहा। वहीं, यात्रियों ने एकजुटता का परिचय दिखाते हुए एक फोन से दूसरे यात्रियों के परिजन से बात करवा रहे थे।
ब्रह्पुरा के मो. शमीम ने कहा कि परिजन से संपर्क नहीं हो पा रहा था। रात से ही फोन बंद हो गया। फिर से चिंता होने लगी। मोतिहारी के राजपूत संजय जंक्शन पहुंचे। वहां से वह परिजन से संपर्क करने का प्रयास किया। लेकिन फोन बंद था।
वह फफक कर रोने लगा। वहां मौजूद कर्मचारियों ने ट्रेन के स्टाफ से संपर्क कर बात कराया। तब जाकर राहत की सांस ली। परिजनों ने कहा कि फोन के बंद होने से कुछ लोकेशन पता नहीं चल रहा था। ट्रेन कहां है कुछ पता नहीं चल रहा।
इधर, घटना के बाद रेलवे की ओर से हेल्पलाइन नंबर व जंक्शन पर डेस्क लगवाया गया था। लेकिन, डेस्क काउंटर खाली रह गई। वहां कार्यरत कर्मी मौके से नदारद दिखे। जिससे यात्रियों के परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
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