
[ad_1]
मुजफ्फरपुर के सहजानंद कॉलोनी के सत्येंद्र सिंह ने सीतामढ़ी, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर और उत्तरप्रदेश के वाहन मालिकों से करीब 300 ट्रक भाड़े पर लिया और उन्हें छत्तीसगढ़ में बेच दिया। इस अंतरराज्यीय ट्रक चोर गैंग का सरगना सत्येंद्र और उसके 10 गुर्गों को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया।
यह गिरोह बिहार व यूपी के ट्रक मालिकों से रिफाइनरी, कोयला खदान व तेल कंपनी में ट्रक चलवाने के लिए भाड़े पर लेता था। फिर चेसिस नंबर टेंपर कर उसे बेच देता था। शहर बड़े ट्रांसपोर्टर अनुपम कुमार ने बताया कि अप्रैल में हर माह 90 से 95 हजार रुपए प्रति ट्रक के हिसाब से सत्येंद्र ने ट्रक किराए पर लिया।

सत्येंद्र सिंह
मैंने अपने व साथियों के 28 ट्रक उसे दिए। करार था कि डीजल-मोबिल के साथ ड्राइवर, खलासी व जीपीएस कंपनी का रहेगा। वाहन मालिक को बस ट्रक देना है। दो माह तक अकाउंट में उसने पैसे दिए।
उसके बाद बंद कर दिया। ट्रक का लोकेशन नहीं मिलने पर चिंता हुई। दबाव बनाया तो सत्येंद्र बहाना करने लगा। छठ बाद ट्रक दिखाने का वादा किया। अब पता चला है कि उत्तर बिहार, पटना व यूपी से ट्रक मालिकों से भाड़ा पर ट्रक लेकर उसने इंजन व चेसिस नंबर टेंपर कर बेच दिया है।
इंश्योरेंस एजेंट से ट्रांसपोर्टर बना सत्येंद्र; 5 साल में बढ़ा रुतबा, काली कमाई से चढ़ता था फॉर्च्यूनर और सफारी पर
पांच साल पहले तक सत्येंद्र मामूली इंश्योरेंस एजेंट था। शराब व हेराफेरी के धंधे से शहर में रूतबा बढ़ गया। बाइक पर चलने वाला सत्येंद्र फॉर्च्यूनर व सफारी गाड़ी पर चलने लगा।
करीबी बताते हैं कि इंश्योरेंस एजेंट की वजह से उसकी जान-पहचान ट्रक मालिकों से हुई। अच्छी कमाई के बाद उसने ट्रक खरीदा। सहजानंद कॉलोनी में घर बनाया। उसके यहां अक्सर ट्रक मालिक व शराब तस्करों का आना-जाना होने लगा।
पोखरैरा के बड़े शराब तस्कर अभ्यानंद शर्मा उर्फ टिंकू से उसका संपर्क हुआ। दिघरा के पेट्रोल पंप मालिक के 30 लाख रुपए हड़पने के मामले में पिछले साल पुलिस ने उसे जेल भेजा था।
महज पांच साल में तीन लग्जरी गाड़ी खरीदने के साथ रांची समेत कई जगह पर उसने फ्लैट खरीद लिया। अरबपति बनने की चाहत में भाड़े पर लिए गए ट्रकों को उसने बेच डाला।
[ad_2]