Home Muzaffarpur शिकंजा: अब टेंडर वार में फंसा हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बायपास, रंगदारी और अवैध वसूली से तंग आकर निर्माण एजेंसी ने काम छोड़ा

शिकंजा: अब टेंडर वार में फंसा हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बायपास, रंगदारी और अवैध वसूली से तंग आकर निर्माण एजेंसी ने काम छोड़ा

0
शिकंजा: अब टेंडर वार में फंसा हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बायपास, रंगदारी और अवैध वसूली से तंग आकर निर्माण एजेंसी ने काम छोड़ा

[ad_1]

पताही में रेवा रोड के पास ठप पड़ा बायपास निर्माण का काम।

जमीन अधिग्रहण के बावजूद एक बार फिर हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बायपास का निर्माण टेंडर वार में फंस गया है। निर्माण एजेंसी रावत एसाेसिएट्स ने एक अन्य एजेंसी पर रंगदारी वसूलने तथा 57 कराेड़ रुपए बकाया भुगतान नहीं करने का आराेप लगाते हुए पिछले ढाई माह से काम छाेड़ दिया है।

बावजूद, एनएचएआई के साथ-साथ जिला प्रशासन की चुप्पी समझ से परे है। पूछे जाने पर एनएचएआई के परियाेजना निदेशक मनाेज कुमार गाेलमटाेल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

वहीं, डीएम प्रणव कुमार ने इसे एजेंसी का इंटरनल मामला बताया। इधर, तुर्की पुलिस रावत एसाेसिएट्स के एडमिन मैनेजर धानी सिंह की ओर से करीब एक माह पूर्व दर्ज एफआईआर के आधार पर बुधवार काे आराेपियाें के खिलाफ छापेमारी करने की बात कह रही है।

सूत्राें की मानें ताे पुलिस की एक टीम दिल्ली एवं नाेएडा में भी छापेमारी कर रही है। हालांकि, डीएसपी पश्चिमी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

दरअसल, एनएच-77 के निर्माण कार्य में जबरन वसूली, धमकी, रिश्वतखाेरी तथा परेशान करने का आराेप लगाते हुए रावत एसाेसिएट के एडमिन मैनेजर धानी सिंह ने पिछले माह 16 नवंबर 2022 काे तुर्की ओपी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

तुर्की पुलिस ने 18 नवंबर काे कुढ़नी थाना में आराेपियाें के खिलाफ धारा- 384, 386, 406, 420, 436, 506, 511 सहित अन्य में मामला दर्ज करते हुए एएसआई विद्यानंद सिंह काे जांच अधिकारी बनाया। हालांकि, कुढ़नी उप चुनाव के कारण इस पूरे मामले में पुलिस अबतक चुप थी।

3 माह पहले एनएचएआई, विजिलेंस व पीएमओ को एजेंसी ने भेजी थी शिकायत

इधर, दिल्ली एवं नाेएडा में आराेपियाें के खिलाफ चल रही छापेमारी के बीच रावत एजेंसी के एडमिन मैनेजर धानी सिंह ने कहा कि पिछले साल 19 मई 2021 काे ही मधाैल कैंप कार्यालय पर हमले के बाद से ही हम डर-डर कर काम कर रहे हैं।

तीन माह पहले एजेंसी पीएमओ, एनएचएआई, विजिलेंस से इसकी शिकायत कर चुकी है। कार्रवाई में देरी के बाद 16 नवंबर काे उन्हाेंने तुर्की पुलिस में मामला दर्ज कराया।

रंगदारी मांगे जाने तथा धमकी के बाद से बायपास निर्माण ठप है। इससे पहले 19 मई 2021 को तुर्की ओपी क्षेत्र के कमतौल स्थित फोरलेन के निर्माण कार्य में लगी रावत एसोसिएट्स कंपनी के बेस कैंप पर रंगदारी की मांग को लेकर अंधाधुंध गोलीबारी की घटना हुई थी।

पहले पिता-पुत्र ने मैनेज कर टेंडर दिलाया, बाद में बिल भुगतान पर साढ़े 3 फीसदी की करने लगे मांग

दर्ज एफआईआर के अनुसार, आई वैल्यू एडवाइजर प्रा. लि. के डायरेक्टर शैलेन्द्र दीक्षित तथा उनके पुत्र शिवा दीक्षित ने मैनेज कर 12 अक्टूबर 2020 काे रावत एसाेसिएट्स काे टेंडर दिलाया।

इसके बाद से पिता-पुत्र ने एजेंसी काे ब्लैकमेल कर पैसे मांगने शुरू कर दिए। पहले सड़क काे कब्जामुक्त कराने तथा किसानाें के नाम पर 4 कराेड़ रुपए रुपए की मांग की गई। बिल भुगतान पर साढ़े तीन फीसदी अलग से मांगते थे।

सुतानू सिन्हा पर मिलीभगत का आराेप लगाते हुए कहा गया है कि आई वैल्यू एडवाइजर प्रा. लि. काे इस कार्य के लिए पीएमसी बनवा लिया गया। ताकि, इसकी अाड़ में वह ब्लैकमेलिंग कर सके। सुतानू सिन्हा के कहने पर ही रावत एसाेसिएट के बिल का भुगतान हाेता था।

इन्हें बनाया गया है आराेपी : शैलेन्द्र दीक्षित, शिवा दीक्षित, प्रदीप साहू, विनायक गाैड़, उल्लहास भट्टाचार्य तथा प्रदीप कुमार गुप्ता।

 

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here