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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम का बिहार में साइड इफेक्ट पड़ना शुरू हो गया है। खास तौर पर असर वीआईपी पर ज्यादा पड़ने वाला है। वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले बीजेपी और बीजेपी नेताओं के खिलाफ खूब आग उगला था।
अब जब परिणाम बीजेपी के पक्ष में आ गए तो बीजेपी के नेता भी अपनी तैयारी शुरू कर चुके हैं। यहां तक कि बीजेपी के एक विधायक हरि भूषण ठाकुर बचोल ने तो मुकेश सहनी से इस्तीफा मांग दिया है। वहीं, दूसरी तरफ वीआईपी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से खाली हुई बोचहां सीट पर बीजेपी की नेत्री बेबी कुमारी दावा ठोक चुकी है।
बेबी कुमारी ने कहा आला कमान को मैंने अपनी बात से अवगत करा दिया है
मुजफ्फरपुर के बोचहां सीट पर वीआईपी के विधायक मुसाफिर पासवान पिछले दिनों निधन हो गया। उसके बाद यह सीट खाली हो गई। अब बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष बेबी कुमारी बोचहां सीट पर अपना दावा इसलिए कर रही है क्योंकि मुसाफिर पासवान से पहले बेबी कुमारी वहां से विधायक थी।
बेबी कुमारी कहती हैं कि बोचहां के लोग उन्हें आज भी वही मान सम्मान देते हैं। जब बीजेपी ने अपने सहयोगी पार्टी वीआईपी को यह सीट दे दिया था। तो उन्होंने पार्टी के सम्मान में सीट छोड़ दिया था।
अब जब जब सीट खाली हो चुकी है तो उस पर मेरा हक है। क्योंकि मैंने वहां सेवा किया है और अब मैं चुनाव लडूंगी। इस बात से अवगत मैंने बीजेपी आलाकमान को भी करा दिया है।
बोचहां सीट वीआईपी की सीट – राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव मिश्रा
भले वीआईपी यूपी में अपना खाता नहीं खोल पाई हो, लेकिन बिहार को लेकर उनका मनोबल इसलिए बढ़ा रहता है क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में वीआईपी ने 4 सीट जीते थे और उनके सुप्रीमो मुकेश साहनी मंत्री बन गए थे।
वीआईपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव मिश्रा कहते हैं कि बोचहां सीट वीआईपी की सीट है। गठबंधन में रहकर वह सीट जीती गई थी। जब वहां के विधायक का निधन हो गया है तो वीआईपी का ही हक है जो सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे।
राजीव मिश्रा कहते हैं कि हमारी पूरी तैयारी है बोचहां सीट पर हम अपने उम्मीदवार उतारेंगे।
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