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सिविल सर्जन डॉक्टर यूसी शर्मा ने बताया कि स्किन के कालाजार से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन मरीजों को जो दवा खिलायी जा रही है, उसे मरीज की आंख जांच के बाद ही खिलाने का निर्णय लिया गया है। यदि आंख में परेशानी पायी जायेगी, तो सामान्य कालाजार मरीज से अलग दवा और उसका डोज दिया जायेगा वहीं दूसरे किसी मरीज के दवा खाने से उनकी आंख खराब नहीं हो, इसके लिए प्रत्येक 15-15 दिन पर मॉनीटरिंग की जायेगी, आशा कार्यकर्ता ऐसे मरीजों पर नजर रखेगी। दवा खाने के 15 दिन बाद आंख की जांच में खराबी यदि बढ़ती है तो सदर अस्पताल लाकर इलाज कराया जायेगा।
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