Home Muzaffarpur मुजफ्फरपुर में शव मिलने के बाद बवाल: बाथरूम में नल से फंदे के जरिए झूल रहा था, परिजनों ने लगाया हत्या करने का आरोप

मुजफ्फरपुर में शव मिलने के बाद बवाल: बाथरूम में नल से फंदे के जरिए झूल रहा था, परिजनों ने लगाया हत्या करने का आरोप

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मुजफ्फरपुर में शव मिलने के बाद बवाल: बाथरूम में नल से फंदे के जरिए झूल रहा था, परिजनों ने लगाया हत्या करने का आरोप

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मुजफ्फरपुर जिले के मिठनपुरा थाना क्षेत्र स्थित चर्च रोड स्थित ने नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती युवक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी। उसका शव बाथरूम में लगे झड़ना के नल में झूलता हुआ मिला। गले में गमछा का फंदा बंधा हुआ था।

नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती मरीजों के बीच लाश देखकर अफरातफरी मच गई। सूचना मिलने पर मिठनपुरा थानेदार श्रीकांत प्रसाद दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। छानबीन करने के बाद शव को उतारा गया।

मृतक की पहचान अहियापुर के भगवतीपुर के ऋषिकेश कुमार (17) के रूप में हुई है। सूचना मिलने पर उसके पिता सुरेश राय समेत अन्य परिजन भी पहुंचे। उनलोगों ने नशा मुक्ति केंद्र के ऑनर केशव नारायण और स्टाफ विशाल पर हत्या कर शव को लटकाने का आरोप लगाया है।

पुलिस ने दोनों को संदेह के आधार पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। थानेदार ने बताया कि जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत का असल कारण पता लगेगा।

एक महीने से था भर्ती

मृतक के पिता ने बताया की ऋषिकेश गलत संगत में पड़ गया था। वह गांजा, भांग का नशा करने लगा था। नशा नहीं मिलने पर अजीब हड़कत करता था। इसी दौरान कुछ लोगों ने उन्हें सलाह दी कि उसे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करवा दें।

जब उसे लेकर भर्ती करने जा रहे थे तो वह खूब विरोध कर रहा था। रो भी रहा था। उसे पिछले महीने 17 तारीख को भर्ती कराया था। सोचा था कि होली के दिन उसे घर के जाएंगे। साथ मे होली मनाएंगे। लेकिन, इससे पहले ही उसकी हत्या कर दी।

2013 से चल रहा नशा मुक्ति केंद्र

संचालक केशव ने बताया कि वर्ष 2013 से नशा मुक्ति केंद्र चला रहे हैं। आज तक कभी इस प्रकार की घटना नहीं हुई। ऋषिकेश नशा का आदि था। उसे काफी मुश्किल हो रहा था नशा छोड़ने में।

इसी कारण वह तंग होकर आत्महत्या कर लिया। अभी वर्तमान में 18 मरीज भर्ती हैं। सब सामान्य तरीके से रह रहे हैं। हमलोग हत्या क्यों करेंगे।

जमकर हुआ हंगामा

परिजन ने शव ले जाने का विरोध करना शुरू कर दिया। वे कहने लगे कि जब तक संचालक की गिरफ्तारी नहीं होगी। लाश नहीं उठने देंगे। इसी बात को लेकर कुछ स्थानीय लोग एकजुट हो गए। कहने लगे कि मोहल्ला में बवाल नहीं करना है।

पुलिस को अपना काम करने दीजिये। इसी बात को लेकर स्थानीय लोग और परिजन के बीच हाथापाई और धक्का मुक्की भी हुई। लेकिन, पुलिस ने सभी को समझाकर शांत करा दिया।

 

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