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17 फरवरी से शुरू होने वाली मैट्रिक परीक्षा को लेकर जिले में आधा दर्जन से अधिक केंद्रों पर करीब 1500 बेंच-डेस्क की जरूरत होगी। कई ऐसे केंद्र भी हैं जहां इंटर की परीक्षा के बाद से बेंच-डेस्क का उठाव कर नए केंद्र में शिफ्ट किया जाएगा।
ऐसे केंद्रों की संख्या कम है। वहीं, केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ-साथ टी शेप में बच्चों को बैठाने के लिए अधिक बेंच-डेस्क की जरूरत होगी। केंद्राधीक्षकों को इसे लेकर रविवार को निर्देश दिया गया है।
जिला शिक्षा विभाग की ओर से मैट्रिक परीक्षा को लेकर सभी केंद्राधीक्षकों की बैठक डीएन हाई स्कूल में बुलाई गई थी। इसमें सभी केंद्राधीक्षकों से उपस्कर से लेकर अन्य बुनियादी सुविधाओं की जानकारी ली गई है।
कहा गया है कि बैठने के साथ बिजली, पानी, शौचालय की सुविधा दुरुस्त होनी चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के कारण जिले में ऐसे दो केंद्र हैं, जहां पंडाल बनाना पड़ सकता है। इसमें आरसीएनडी कॉलेज कांटी और रेजोनेंस स्कूल का नाम आया है।
जिला शिक्षा विभाग की मानें तो चार दिनों में समीक्षा के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। सभी केंद्रों पर एंड्रॉएड मोबाइल से युक्त शिक्षक की प्रतिनियुक्ति होगी। वे छात्र-छात्राओं की संख्या, निष्कासन से लेकर अन्य अहम जानकारी बोर्ड को एप से भेजेंगे।
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