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फायरिंग से दहला इलाका।
मुजफ्फरपुर शहर के बीबी कॉलेजिएट में शनिवार की देर रात पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हो गई। दोनों तरफ से दर्जनों राउंड फायरिंग हुई।
इसमें एक अपराधी पुलिस की गोली लगने से घायल हो गया। उसे पैर में गोली लगी है। मौके से दो अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है। एक की गिरफ्तारी पहले ही हो गई थी।
टाउन इंस्पेक्टर अनिल कुमार फोर्स लेकर बीबी कॉलेजिएट में अन्य दो को पकड़ने गए थे। लेकिन, पुलिस को देखते ही सामने से फायरिंग शुरू कर दी गयी। इसके बाद पुलिस की तरफ से भी फायरिंग की गई। जिसमें एक अपराधी घायल हो गया।
मौके से हथियार और बाइक बरामद किया गया। गिरफ्तार अपराधियों की पहचान शहर के एक व्यवसाई के पुत्र राहुल कुमार, जहानाबाद घोषी के सुमित और भिखनपुरा के विश्वजीत के रूप में हुई है।
सुमित के पैर में गोली लगी है। वह वर्तमान में किराए के मकान में अमगोला में रहता है। उसका सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहां से SKMCH भेजा जाएगा।

मौके पर खुद एसएसपी जयंतकांत पहुंचे।
व्यवसाई मर्डर केस का खुलासा
SSP जयंतकांत ने बताया कि तीनों अपराधी कारोबारी गोविंद ड्रोलिया के मर्डर में संलिप्त थे। उनकी हत्या व्यवसायिक प्रतिद्वंदिता में हुई थी। व्यवसाई का बेटा राहुल इस हत्या का मास्टरमाइंड है। विस्तृत पूछताछ जारी है।
शनिवार को इसका विशेष रूप से खुलासा किया जाएगा। वैज्ञानिक साक्ष्य से पुलिस राहुल तक पहुंची थी। उसे हिरासत में लिया गया था। उसी की निशानदेही पर अन्य दो अपराधियों को पकड़ने पुलिस गयी थी। जहां एनकाउंटर हुआ।
गोविंद से चल रहा था विवाद
पुलिस के अनुसार राहुल के पिता भी पान मसाला कारोबारी है। गोविंद की दुकान के समीप उसकी भी दुकान है। राहुल भी दुकान पर बैठता है।
दोनों का धंधा एक होने के कारण आपस मे तनातनी चल रही थी। बताया जा रहा है कि गोविंद और राहुल के बीच इसे लेकर पूर्व में विवाद भी हुआ था। वहीं से इस पूरे मर्डर केस की साजिश रची गयी थी।
ममेरे भाई बताए जा रहे सुमित-राहुल
पुलिस का कहना है कि राहुल और सुमित ममेरे भाई भी हैं। राहुल ने सुमित से गोविंद का मर्डर करने की बात कही थी। दोनों ने मिलकर इसकी प्लानिंग की।
फिर भिखनपुरा के विश्वजीत से पिस्टल 22 हजार रुपए में खरीदा गया। इसके बाद उसी पिस्टल से गोविंद की हत्या कर दी गयी। हत्या में इस्तेमाल पिस्टल भी बरामद कर लिया गया है। इसे FSL जांच के लिए भेजा जाएगा।
एक सप्ताह तक कर रहा था रैकी
पुलिस की पूछताछ में राहुल ने इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। बताया कि गोविंद की हत्या की साजिश रचने के बाद वे लोग एक सप्ताह तक उसकी रैकी करते रहे।
वह कब घर से निकलता, कब लौटता, दुकान पर कितने देर बैठता। इन तमाम बातों की अच्छे से रैकी की थी। फिर पिछले रविवार को इस प्लान का अंजाम तक पहुंचाने का समय आ गया।
दरवाजे पर सुमित ने मारी गोली
गोविंद जैसे ही दुकान से निकला। गोविंद रास्ते मे एक सैलून में दाढ़ी बनवाने रुके। दोनों अपराधी पीछा करते हुए सैलून तक पहुंचे। दाढ़ी बनवाने के बाद गोविंद स्कूटी से घर पहुंचे।
जैसे ही डिक्की खोलकर झोला निकाला। उसी दौरान सुमित ने पीछे से गोली मार दी। जिससे व्यवसाई की मौत हो गयी।
वैज्ञानिक अनुसंधान से हुआ खुलासा
घटना की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रही थी। वहीं व्यवसाई वर्ग का अलग दवाब था। SSP द्वारा गठित SIT ने वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान शुरू किया। इसके बाद कई CCTV खंगाले गए।
सर्विलांस की टीम ने भी मोर्चा संभाला। टावर डंपिंग में कुछ संदिग्ध मोबाइल नम्बर मिले। फुटेज के सहारे और संदिग्ध मोबाइल नम्बरों की मदद से एक-एक कड़ी जोड़ती हुई पुलिस आखिरकार राहुल तक पहुंच गई।
उसे हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ करने पर उसने घटना करने की बात स्वीकार कर ली।
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