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मुजफ्फरपुर के बॉयलर ब्लास्ट कांड में पीड़ितों को मिला मुआवजा।
मुजफ्फरपुर बॉयलर ब्लास्ट कांड में मारे गए श्रमिकों के चार आश्रितों को मुआवजा की राशि दी गई। उप श्रम आयुक्त अरुण कुमार सिन्हा के कार्यालय में पीड़ितों के आश्रितों के बीच राशि का वितरण किया गया।
वहीं एक पीड़ित परिवार उपस्थित नहीं हो सका। जिससे उन्हें आज मुआवजा नहीं मिला। उनके आने पर राशि दी जाएगी।
सोमवार को अमरनाथ साह की पत्नी संगीता देवी को दो लाख रुपए, सन्दीप कुमार की पत्नी रानी देवी को 2 लाख 19 हजार 623 रुपए, अजित कुमार की मां उषा देवी को 2 लाख रुपए, पिता विजय राय दो लाख 76 हजार 844, ललन यादव की पत्नी बासमती देवी को 2 लाख 58 हजार 263 रुपए और उनकी अविवाहित पुत्री के लिए 3 लाख रुपए जमा रखा गया है।
जब उसका बैंक खाता दिया जाएगा तो उक्त राशि उसमे जमा कर दी जाएगी। वहीं, मृतक विनोद राय की पत्नी रीता देवी उपस्थित हुई।
बता दें कि मृतक के परिवार में जो भी आश्रित हैं, उन्हें मुआवजे की राशि मिलनी तय हुई थी। एक सप्ताह पूर्व नूडल्स फैक्ट्री के संचालक विकास मोदी के अधिवक्ता ने उप श्रम आयुक्त के कोर्ट में 28 लाख रुपए जमा कराया था।
शेष राशि जमा करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था। 18 फरवरी को समय अवधि पूरा होने पर उपश्रम आयुक्त के कोर्ट में सुनवाई होगी। अगर तय समय मे पूरी राशि नहीं जमा की गई तो 12% इंटरेस्ट के साथ रुपये जमा करना होगा। मुआवजा की कुल राशि करीब 58 लाख रुपए है।
7 मजदूरों की हुई थी मौत
पिछले साल 26 दिसंबर की सुबह नूडल्स फैक्ट्री का बॉयलर तेज धमाके के साथ फट गया था। फैक्ट्री में दबकर पांच मजदूरों की मौत हो गई थी। जबकि एक दर्जन से अधिक घायल हो गए थे। बगल का चूड़ा मिल भी क्षतिग्रस्त हो गया था। इ
समें भी दो मजदूरों की दबने से मौत हो गई थी। कुल सात मजदूरों की मौत हुई थी। पूरी बिल्डिंग के परखच्चे उड़ गए थे। पांच किलोमीटर तक धमाका सुनाई दिया था।
हादसे के बाद बियाडा प्रबंधन की तरफ से फैक्ट्री संचालक विकास मोदी, उसकी पत्नी श्वेता मोदी, मैनेजर उदय शंकर समेत अन्य पर FIR दर्ज कराया गया था। इसके बाद से बेला पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर हाथ-पैर मार रही है।
कोर्ट से वारंट भी लिया गया है। लेकिन घटना के एक माह से अधिक बीतने के बाद भी एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है। अब इश्तेहार लेने की कवायद की जा रही है।
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