Home Muzaffarpur मुजफ्फरपुर बॉयलर ब्लास्ट कांड में मुआवजे का रास्ता साफ: फैक्ट्री संचालक की तरफ से 28 लाख रुपए किए गए जमा; शेष राशि के लिए 10 दिन का समय

मुजफ्फरपुर बॉयलर ब्लास्ट कांड में मुआवजे का रास्ता साफ: फैक्ट्री संचालक की तरफ से 28 लाख रुपए किए गए जमा; शेष राशि के लिए 10 दिन का समय

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मुजफ्फरपुर बॉयलर ब्लास्ट कांड में मुआवजे का रास्ता साफ: फैक्ट्री संचालक की तरफ से 28 लाख रुपए किए गए जमा; शेष राशि के लिए 10 दिन का समय

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बेला स्थित नूडल्स फैक्ट्री में बॉयलर ब्लास्ट में 7 मजदूरों की मौत हुई थी।

मुजफ्फरपुर के बेला स्थित नूडल्स फैक्ट्री में बॉयलर ब्लास्ट कांड में मृत मजदूरों के परिजन को मुआवजे का रास्ता साफ हो गया है। इस मामले की सुनवाई उप श्रम आयुक्त अरुण कुमार श्रीवास्तव के कोर्ट में चल रही थी।

सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान फैक्ट्री संचालक विकास मोदी के अधिवक्ता ने कोर्ट में 28 लाख रुपए जमा किए। शेष राशि जमा करने के लिए दो महीने का समय मांगा गया। लेकिन, कोर्ट ने उन्हें सिर्फ 10 दिन का समय दिया है।

अगर इन 10 दिनों में शेष 30 लाख 84 हजार 572 रुपए जमा नहीं किए गए तो 12% इंटरेस्ट जोड़कर रुपए जमा करना होगा। उप श्रम आयुक्त ने कहा कि आज 28 लाख रुपए जमा किए हैं।

शेष राशि के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। पीड़ित परिवार को शीघ्र ही मुआवजा दिया जाएगा।

दो अन्य मजदूरों को बाद में मिलेगा मुआवजा

बता दें कि मृत पांच मजदूरों के पीड़ित परिवार को कुल 58 लाख 84 हजार 572 रुपए मुआवजा दिया जाएगा। श्रम विभाग ने मजदूरों की उम्र और अंतिम मानदेय के आधार पर मुआवजा की राशि तय कर दी है। पां

च मृत मजदूरों को फिलहाल मुआवजा मिलेगा। वहीं अन्य दो मजदूर जो दूसरे जिले के रहने वाले थे। उनके अभी कागजात कोर्ट में जमा नहीं हुआ हैं। कागजात जमा होने के बाद उस मामले की सुनवाई कर मुआवजे की रकम वसूली जाएगी।

किन्हें कितना मिलेगा मुआवजा

इसके तहत मृतक विनोद राय के परिजन को नौ लाख 60 हजार सात सौ, संदीप कुमार के परिजन को 15 लाख 12 हजार 480 रुपए, अमरनाथ साह के परिजन को 12 लाख 35 हजार 700 रुपए, अजित कुमार के परिजन को 10 लाख दो हजार 195 रुपए और एक अन्य मजदूर को करीब 11 लाख रुपए मिलेंगे।

सात मजदूरों की हुई थी मौत

पिछले साल 26 दिसंबर की सुबह नूडल्स फैक्ट्री का बॉयलर तेज धमाके के साथ फट गया था। फैक्ट्री में दबकर पांच मजदूरों की मौत हो गई थी। जबकि एक दर्जन से ज्यादा घायल हो गए थे। बगल की चूड़ा मिल भी क्षतिग्रस्त हो गई थी।

इसमें भी दो मजदूरों की दबने से मौत हो गई थी। कुल सात मजदूरों की मौत हुई थी। पूरी बिल्डिंग के परखच्चे उड़ गए थे। पांच किलोमीटर तक धमाका सुनाई दिया था।

हादसे के बाद बियाडा प्रबंधन की तरफ से फैक्ट्री संचालक विकास मोदी, उसकी पत्नी श्वेता मोदी, मैनेजर उदय शंकर समेत अन्य पर FIR दर्ज कराया गया था। इसके बाद से बेला पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर हाथ-पैर मार रही है।

कोर्ट से वारंट भी लिया गया है। लेकिन घटना के एक माह से अधिक बीतने के बाद भी एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है।

 

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