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मुजफ्फरपुर जिले के सिकंदरपुर के रहने वाले एक्टर अक्षत उत्कर्ष (26) की मौत मामले में एक साल बाद मुंबई पुलिस ने आखिरकार जांच शुरू कर दी है। उसकी मौत सितंबर 2020 में मुंबई के अंधेरी वेस्ट में महिला मित्र स्नेहा के साथ रहता था।
उसका शव कमरे में तौलिया के फंदे से लटकता हुआ मिला था। मुंबई के अंबोली थाना की पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजन के हवाले कर दिया था। लेकिन, FIR दर्ज नहीं किया गया था। मृतक एक्टर के पिता राजू चौधरी ने हत्या का आरोप लगाया था।
मुंबई पुलिस से परिजन को कोई मदद नहीं मिली तो टाउन थाना में जीरो FIR दर्ज हुआ। उसकी कॉपी अंबोली थाना को भेजी गई। तब जाकर 302 का मामला दर्ज हुआ था।
लेकिन, इसके बाद भी वहां की पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं कि। इसके बाद मानवाधिकार अधिवक्ता SK jha ने सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग को इसकी जानकारी दी।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधिक सेवा समिति को कार्रवाई का आदेश दिया। आयोग ने मुंबई पुलिस को जांच करने का निर्देश दिया। तब जाकर सोमवार को अंबोली थाना से दो सदस्यीय टीम मृतक के परिजन का बयान दर्ज करने पहुंची।
टाउन थाना से पहुंची अक्षत के घर
अंबोली पुलिस पहले टाउन थाना पहुंची। थानेदार अनिल कुमार को इससे अवगत कराया गया। कागजी प्रक्रिया पूरी हुई। टाउन थाना से भी पुलिस पदाधिकारी को अक्षत के घर भेजा गया। उसके पिता का बयान दर्ज किया जा रहा है।
मीडिया के भीतर प्रवेश करने पर रोक लगाई गई है।
यह हुई थी घटना
अक्षत एक नवोदित बॉलीवुड एक्टर था। उसने MBA करने के बाद बॉलीवुड में किस्मत आजमाने का फैसला लिया। उसके साथ उसकी महिला मित्र नोयडा की रहने वाली स्नेहा भी रहती थी। अक्षत को फिल्मों में छोटे-मोटे रोल भी मिल रहे थे।
वह बॉलीवुड में अपना सिक्का जमाने को लेकर संघर्ष कर रहा था। स्नेहा भी एक्टिंग कर रही थी। घटना की रात अक्षत ने अपने पिता से कॉल कर बात भी किया था। इसके बाद उसकी मौत की खबर आई।
स्नेहा ने उस समय मुम्बई पुलिस को बताया कि अक्षत अजीबोगरीब व्यवहार कर रहा था। रात को साथ मे डिनर करने के बाद वह दूसरे कमरे में सोने चली गयी थी। देर रात उसकी नींद अचानक से खुली तो उसने देखा कि हॉल में अक्षत फंदे से लटक रहा है।
इसके बाद उसने 100 नम्बर पर डायल कर पुलिस को इस घटना की जानकारी दी थी। हालांकि मृतक के परिजन इस बयान से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने उसी समय हत्या करने की आशंका जताई थी। लेकिन, मुंबई पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया था।
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