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मुजफ्फरपुर मे बुधवार को निगरानी अन्वेशषण ब्यूरो की टीम ने उद्योग विस्तार पदाधिकारी हरीश कुमार को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया है। उन्हे बेला स्थित ऑफिस से मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के दूसरे किस्त के भुगतान के लिए रिश्वत लेते पकड़ा गया है।

बताया जा रहा है की उन्होंने करजा थाना क्षेत्र के करजा डीह निवासी नितेश चंद्र रंजन से भुगतान के बदले रिश्चवत की मांग की थी। फिलहाल निगरानी ब्यूरों की टीम ने हरीश कुमार को पूछताछ के लिए पटना ले गयी है। जहां पूछताछ के बाद गुरुवार को उन्हे विशेष निगरानी कोर्ट में पेश किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, करजा डीह के नितेश चंद्र रंजन ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उद्योग स्थापित करने को लेकर आवेदन किया था। पहले किस्त का भुगतान भी हो चुका था। दूसरे किस्त के भुगतान के लिए वह उद्योग विस्तार पदाधिकारी के कार्यालय का चक्कर काट रहा था।
भगुतान देने के लिए मोटी रकम मांगी जा रही थी। इसके आलोक में नितेश चंद्र ने 17 नवंबर को पटना स्थित निगरानी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी। इसके बाद निगरानी डीएसपी अरुणोदय पांडये के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
टीम ने मामले का सत्यापन किया। इस दौरान 50 हजार रुपये रिश्वत का डिमांड की बात सामाने आयी। तोलमोल के बाद 20 हजार पर बात बनी।रिश्वत की राशि देने नितेश चंद्र बुधवार की शाम बेला स्थित उद्योग विस्तार पदाधिकारी हरीश कुमार के दफ्तर पहंचे थे।
रुपये देने के क्रम में ही निगरानी अन्वेशषण ब्यूरों की टीम ने उसे दबोचा लिया। रुपये भी जब्त कर लिये। जिसे हरीश कुमार के साथ गुरुवार को मुजफ्फरपुर स्थित विशेष निगरानी कोर्ट में पेश करेगी।
सूत्रोें की माने तो निगरानी ब्यूरो के हत्थें चढ़ने के बाद हरीश चंद्र वहां से भागने का भी प्रयास किया। लेकिन, टीम के पदाधिकारियों के आगे उनकी एक नहीं चली। बताया जाता है कि गिरफ्तारी के बाद बेला स्थित उद्योग विभाग के कार्यालय में सन्नाटा पसर गया।कई तरह की चर्चाएं होने लगी।
वहीं कुछ पदाधिकारी अपना मोबाइल भी बंदकर दफ्तर से घर लौट गये। मामले मे पटना निगरानी विभाग के डीएसपी अरुणोदय कुमार पांडेय ने बताया की20 हजार रुपये रिश्वत लेते हरीश को पकड़ा गया है। पूछताछ चल रही है।
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