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उत्पाद इंस्पेक्टर कुमार अभिनव।
मुजफ्फरपुर जिला के उत्पाद इंस्पेक्टर कुमार अभिनव पर गंभीर आरोप लगा है। उनके खिलाफ मिठनपुरा के अनिल कुमार ने मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को स्पीड पोस्ट से पत्र भेजकर शिकायत की है। आरोप लगाया है कि उत्पाद इंस्पेक्टर ने शराब के एक केस से उसका नाम हटाने को लेकर रिश्वत की मांग की।
उसने इंस्पेक्टर को 35 हजार रुपए देने की बात भी कही है। रुपये का लेनदेन उन्होंने एक मोबाइल एप के माध्यम से एक निजी बैंक के अपने खातों से किया है। इसके अलावा इंस्पेक्टर से संबंधित एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है।
इसमें शहर के बड़े माफिया को बचाने के लिए दो लाख रुपये लेने की बात दो धंधेबाज आपस में कर रहें है।
इधर, उत्पाद अधीक्षक संजय राय ने बताया कि स्थानीय स्तर पर किसी ने शिकायत नहीं की है। शिकायत की गई है, तो जांच अवश्य होगी। इसके लिए मुख्यालय के निर्देश का इंतजार रहेगा। वहीं, उत्पाद इंस्पेक्टर कुमार अभिनव ने बताया कि आरोपी उनके संपर्क का है।
वह उत्पाद विभाग का स्पाई भी है। करीब डेढ़ साल से वे उसे जानते है। वह उत्पाद विभाग को कई बार सहयोग किया है। छापेमारी करवाकर शराब की कई खेप पकड़वाया है। उत्पाद अधीक्षक से भी उसकी पहचान है। उससे रुपये का लेनदेन होता रहता है। रेड के बदले में उससे पैसों का लेनदेन होता था।
बर्बाद करने की दी थी धमकी
अनिल ने बताया कि वह उत्पाद विभाग और पुलिस को छापेमारी में सहयोग करता था। बीते दो माह से शराब माफियाओं से रुपये वसूलकर लाने का दबाव दे रहे थे। जब इससे इंकार कर दिया तो वे उसे बर्बाद करने की धमकी दिये।
साथ ही मोटी रकम का डिमांड भी किया। इस बीच कई बार व्हाट्सएप कॉलकर धमकी भी दिया। कहा कि बचना है तो रुपये दो। इसबीच
दो लाख में छोड़ दिया
इधर, उत्पाद इंस्पेक्टर कुमार अभिनव के संबंध में एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें दो धंधेबाज आपस में चर्चा कर रहे है। उसमें एक धंधेबाज़ दूसरे को बता रहा है कि शहर के एक बड़े माफिया को छोड़ने के लिए इंस्पेक्टर ने दो लाख रुपए कलमबाग चौक से अघोरिया बाजार चौक के बीच गाड़ी में लिया है।
हालांकि, इसपर इंस्पेक्टर ने कहा कि इसप्रकार के ऑडियो की जानकारी उनको नहीं है। इसे सुनने के बाद ही कुछ कह पाएंगे।
केस में नाम आने के बाद बौखलाया
उत्पाद इंस्पेक्टर ने बताया कि दो दिन पूर्व मिठनपुरा में एक मकान से 91 कार्टन शराब बरामद हुई। अनिल उसी मकान में किरायेदार है। छानबीन में पता लगा कि शराब की खेप उसी ने मंगवाई थी। उसके नाम अभियोग में दिया गया। इसके बाद उसने उन्हें कॉल किया था और नाम हटाने की मिन्नत की थी। लेकिन, उन्होंने कहा कि यह इन्वेस्टिगेशन का पार्ट है।
अगर जांच में उसकी संलिप्तता नहीं आएगी तो वह निर्दोश साबित हो सकता है। अन्यथा उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। रुपये लेनदेन सम्बन्धित कोई बातचीत नहीं हुई है।
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