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इधर, महिलाओं पर अपनी सेक्सिस्ट टिप्पणियों के तीन दिन बाद विवाद खड़ा होने पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने खेद व्यक्त किया और माफी मांगी। रामदेव ने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर को इस आशय का एक ईमेल भेजा है। लेकन रामदेव ने कहा कि उनकी टिप्पणी की गलत व्याख्या की गई। उनका इरादा महिलाओं का अपमान करना नहीं था।
गौरतलब है कि ठाणे में महिलाओं के लिए आयोजित योग प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रामदेव बाबा ने कहा था कि महिलाएं साड़ी में अच्छी लगती हैं, वे सलवार सूट में भी अच्छी लगती हैं, और कुछ न पहनने पर और अच्छी लगती हैं। मामले में विरोध होने पर रामदेव ने कहा कि उन्होंने महिलाओं को सम्मान और समानता दिलाने में मदद करने के लिए वैश्विक स्तर पर अभियान चलाया है। मैंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी सरकार की नीतियों का समर्थन किया है, उन्हें प्रोत्साहित किया है। मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि मैंने किसी भी महिला का अपमान नहीं किया है और न ही ऐसा करने का मेरा इरादा था।
उन्होंने कहा कि (ठाणे) कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के लिए थीम पर आधारित था, लेकिन घंटे भर के भाषण से कुछ सेकंड की उनकी टिप्पणियों के वीडियो क्लिप को गलत ढंग से पेश किया गया। रामदेव ने कहा कि मेरे मन में मातृशक्ति के लिए सबसे अधिक सम्मान है, मेरी टिप्पणी सादे कपड़े के लिए थी। अगर इससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मुझे इसका गहरा अफसोस है। मैं उनसे माफी मांगता हूं।
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