Home Muzaffarpur मुजफ्फरपुर में सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में 57 प्रतिशत लोगों की उम्र 18-45

मुजफ्फरपुर में सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में 57 प्रतिशत लोगों की उम्र 18-45

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मुजफ्फरपुर में सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में 57 प्रतिशत लोगों की उम्र 18-45

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मुजफ्फरपुर जिला चारों ओर से एनएच के जाल से घिरा हुआ है। ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने पर लगातार सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हाे रही है। इन दुर्घटनाओं का शिकार हाेने पर गोल्डन आवर में इलाज की सुविधा नहीं मिलने पर कई जख्मी की माैत हाे जाती है।

परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले में 2021 में 588 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इसमें 499 लाेगाें की माैत हाे गई। वहीं, 209 लाेग गंभीर रूप से जख्मी हाे गए, जबकि 263 लाेग समान्य रूप से जख्मी हुए। माैत के शिकार लाेगाें में 57 प्रतिशत की उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच है।

इसमें 27 प्रतिशत बिना हेलमेट के बाइक चलाने वाले लाेगाें की माैत हुई। मरने वाले लाेगाें में 29 प्रतिशत की घटनास्थल या फिर रास्ते में या अस्पताल पहुंचने पर माैत हाे गई थी। जबकि, 40 प्रतिशत लाेगों की माैत समय से इलाज नहीं मिलने से हुई। परिवहन विभाग के अनुसार, 2021 में राज्य में सबसे अधिक 12 जिलों में सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें जहानाबाद, पश्चिमी चंपारण, नालंदा, सीतामढ़ी, बक्सर, सहरसा, गोपालगंज, वैशाली, बांका, भागलपुर, रोहतास व पूर्वी चंपारण शामिल हैं।

मौत के आंकड़ों में जहानाबाद में 18.8%, प. चंपारण में 11.8%, सीतामढ़ी में 9% की वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में मुजफ्फरपुर समेत 9 जिलों में सड़क दुर्घटनाओं में 4% तक वृद्धि हुई है। सबसे अधिक दुर्घटनाएं पटना और सबसे कम शिवहर जिले में हुईं।

हाजीपुर का रामाशीष चाैक राज्य का सबसे खतरनाक चाैराहा घोषित, मुजफ्फरपुर में सुधा डेयरी के पास तीन वर्षों में 12 लाेगाें ने दम तोड़ा

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने बिहार में 40 सबसे खतरनाक ब्लैक स्पॉट की सूची जारी की है। इसमें मुजफ्फरपुर जिले का एक भी ब्लैक स्पॉट नहीं है। जबकि, मुजफ्फरपुर सुधा डेयरी के पास 3 वर्षों में 12 लाेगाें की माैत हुई है। इसके अलावा सीतामढ़ी राेड काे भी जिला परिवहन विभाग ने सबसे खतरनाक सड़क के रूप में चिह्नित किया है। सुप्रीम काेर्ट की टीम ने पिछले दिनाें राज्य के 8 जिलों का भ्रमण कर हादसे राेकने के लिए किए गए उपायाें का जायजा लिया था।

इसके बाद राज्य सरकार ने 120 ब्लैक स्पॉट काे चिह्नित कर केंद्र काे भेजा था। लेकिन केंद्र ने मात्र 40 सबसे खतरनाक स्पॉट की सूची जारी की है। इसमें हाजीपुर का रामाशीष चाैक सबसे खतरनाक चौराहा घोषित किया गया है। रामाशीष चाैक पर 2018 से 2021 के बीच तीन वर्षों में 28 सड़क दुर्घटनाओं में 38 लाेगाें की जानें गईं।

वहीं, मंसूरपुर खुर्द माेड़ पर तीन साल में 22 दुर्घटनाओं में 22 लाेगाें की मौत हो गई। हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच पर राय वीरेंद्र काॅलेज के पास तीन वर्षों में 14 दुर्घटनाओं में 22 लाेगों की मौत हुई। पटना के दीघा-खगाैल नहर राेड पर तीन साल में 19 दुर्घटनाओं में 18, गया के कैंट एरिया में 13 दुर्घटनाओं में 19, भाेजपुर के अगिगांव में 21 दुर्घटनाओं में 19 लाेग माैत के शिकार हुए।

 

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