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जगह-जगह कचरे के अंबार के साथ बजबजाते मुजफ्फरपुर शहर से सटा हुआ एक स्वच्छ और निर्मल गांव है। शायद आप यकीन न करें। पर, अपने शहर काे सफाई का सूत्र सीखने के लिए इस गांव पहुंचना चाहिए। क्याेंकि, साफ-सफाई में हमारे शहर से भी बेहतर इस गांव काे स्वच्छ गांव का तमगा मिला है।
मुख्य सड़कों के साथ गलियां भी चकाचक हैं। आंगन से दरवाजे तक क्लीन। सफाई की मिसाल कायम करने वाला यह गांव जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर और एनएच-28 के किनारे सकरा प्रखंड का बिशुनपुर बघनगरी है। यह राज्य में स्वच्छता का मॉडल गांव है।

मुखिया बबीता कुमारी (इनसेट)।
नीर- निर्मल योजना में पंचायत काे पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया था। मुखिया बबीता कुमारी, पंचायत के प्रतिनिधियों और लाेगाें के सहयोग से गांव ने वह कर दिखाया, जाे स्मार्ट सिटी में अबतक नहीं हाे सका।
पंचायत के सभी 13 वार्डों में राेजाना स्वच्छता मित्र घर-घर से गीला और सूखा कचरा ले जाते हैं। जगह-जगह स्वच्छता के संदेश लिखे हैं। हर बुधवार काे पूरी पंचायत में सभी सड़कों की सफाई हाेती है। गांव की सफाई के सात सूत्रों से सीखे शहर
1स्वच्छ और निर्मल गांव की चुनौती स्वीकार कर लाेगाें काे जागरूक किया। 2स्वच्छता मित्रों काे एक जुट कर नियमित घर-घर से कचरा एकत्र कराना। 3कचरे से बनाई खाद के प्रति किसानों में विश्वास जगा बिक्री सुनिश्चित की। 4हर घर से सफाई शुल्क वसूली और स्वच्छता मित्र काे मासिक मानदेय देना।
5महिलाओं काे परेशानी कम हाे इसके लिए हैंडल लगे डस्टबिन का वितरण। 6स्वच्छता मित्र के रूप में महिलाओं काे भी रखा, ताकि घरेलू महिलाएं प्रेरित हाें। 7कचरा नहीं उठे, ताे ठेले पर रखी शिकायत पेटी में लाेग दर्ज करा सकते हैं अापत्ति।
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