[ad_1]
मुजफ्फरपुर के चंद्रहट्टी में राइस मिल में पानी गर्म करने वाले ड्रम में हुए विस्फोट की घटना ने पुरानी भयावह यादें ताजा कर दी। पिछले साल के अंत में भी बेला इंडस्ट्रियल एरिया में चिप्स फैक्ट्री में बॉयलर विस्फोट हुआ था। जिसमे सात मजदूरों की मौत हो गई थी। हालांकि ये उस फैक्ट्री की तुलना में काफी छोटा है।
इसमें बॉयलर तो नहीं है, लेकिन पानी को जिस ड्रम में गर्म किया जाता है। अगर उसका टेंपरेचर हाई हो जाता है तो यह विस्फोट करता है। आवाज भी काफी तेज होती है। आज भी शायद ऐसा ही कुछ हुआ था। लेकिन, हर कोई इसे दबाने में जुटा रहा। इस घटना में दो मजदूर मिथिलेश और अमरजीत गंभीर रूप से झुलस गए हैं।
उनके शरीर का करीब 60% हिस्सा जल चुका है। शरीर पर से चमड़ा हट गया है। दोनों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। हालांकि डॉक्टर की टीम लगातार इलाज कर रही है।
वीआईपी प्रत्याशी ने जाना हाल
घटना की जानकारी मिलने पर कुढ़नी से वीआईपी प्रत्याशी नीलाभ कुमार ने घायलों का हाल जाना। घटनास्थल पर जाकर भी जायजा लिया। नीलाभ के वहां जाने के बाद संभावनाएं तेज हो गई है की अब अन्य प्रत्याशी भी घायलों से मिलने जाएंगे।
नीलाभ ने पीड़ित परिवार से मिलकर हर संभव मदद मुहैया कराने की बात कही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात कर बेहतर इलाज की व्यवस्था करने के कहा है।
डब्बा बनाने वाली फैक्ट्री में हुआ था विस्फोट
बेला वाली घटना के कुछ महीनों बाद मनियारी थाना के माधोपुर इलाके में एक प्लास्टिक का डब्बा बनाने वाली फैक्ट्री में कंप्रेशर मशीन के फटने से विस्फोट हुआ था। इसमें एक की मौत हुई थी।
इसके बाद मोतीपुर में भी एक फैक्ट्री में विस्फोट में एक मजदूर की मौत हुई थी। इन सभी मामलों में फैक्ट्री के संचालकों की लापरवाही सामने आई थी।
किसी भी मामले में कारवाई नहीं
इन सभी मामलों में पुलिस के द्वारा किसी पर भी कोई कारवाई नहीं की गई। एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो सका।
बेला वाली घटना में मृत मजदूरों के परिवार को सरकार की तरफ से मुआवजा देकर जरूर थोड़ी बहुत भरपाई की गई। लेकिन अन्य घटनाओं में ऐसी कोई कारवाई नहीं हुई।
[ad_2]