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प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मुजफ्फरपुर की शाही खाएंगे। इसके लिए बकायदा एक कंपनी को 2500 किलो लीची दिल्ली के बिहार भवन भेजने का ऑर्डर दिया गया है। वहां से ये लीची PMO भेजी जाएगी। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक पहुंचने वाली लीची का बगान से लेकर पेकिंग तक विशेष ध्यान रखा जाता है। दिल्ली और पुणे से इसके लिए एक्सपर्ट भी बुलाए जाते हैं।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति तक 2500 किलो लीची भेजने का जिम्मा राधा कृष्णा इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दिया गया है। ये कंपनी जिले के पताही में है। जो यूनिक फूड प्रोसेसिंग के नाम से भी जानी जाती है। यहां बगान से लीची तोड़कर लाई जाती है। फिर इसे प्रोसेसिंग के अच्छे फलों को छांटा जाता है। इसमें से जो सबसे अच्छे फल निकलकर आते हैं। उसे ही PMO के लिए भेजा जाता है।
रेफ्रिजरेटर वैन से जाएगी दिल्ली
कंपनी के MD आलोक केडिया ने बताया कि हम पिछले 10 साल से PMO के लिए लीची भेज रहे हैं। कोरोना काल में थोड़ी दिक्कत हुई थी। पर लीची फिर भी भेजी गई थी। इस बार 2500 किलो लीची भेजने के निर्देश हैं। जिसे तैयार कर पैकिंग किया जा रहा है। 27 मई को स्पेशल रेफ्रिजरेटर वैन से इसे दिल्ली भेजा जाएगा। इस वैन में लीची खराब नहीं होती है।
लीची की पैकिंग करते स्टाफ।
अलग-अलग बगानों से तोड़ते हैं
कंपनी के MD ने बताया कि अलग-अलग बगानों से लीची तोड़कर मंगाते हैं। इसे प्रोसेसिंग के जरिए अच्छे फल निकालते हैं। जिसकी पैकिंग की जाती है। हम लोग बगान चुनने में काफी सतर्कता और मानक का पालन करते हैं।
वैसे बगान चुनते हैं, जिसमें रख रखाव अच्छे हो। बेहतर फल आते हों। लीची के पेड़ों की देखभाल की जाती हो। वैसे बगानों का चयन कर फल तुड़वाकर मंगाते हैं। फिर उसमें से भी बेहतर फलों को अलग किया जाता है।
दिल्ली और पुणे से बुलाए जाते हैं एक्सपर्ट
उन्होंने कहा कि फलों के चयन के लिए और इसकी प्रोसेसिंग समेत बाकी कामों के लिए दिल्ली और पुणे से एक्सपर्ट बुलवाते हैं। उन्हें बगान में जाकर फल दिखाया जाता है। वे अपनी विशेषज्ञता के अनुसार फल और बगान का चयन करते हैं। उसी में से फल तोड़वाकर मंगाते हैं। इसके बाद एक्सपर्ट प्रोसेसिंग के दौरान भी मौजूद रहते हैं। पैकिंग और रखरखाव भी उन्हीं के सामने होता है।
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